नशा के खिलाफ सामाजिक जागरुकता जरूरी, आजादी की तरह लड़नी होगी एक जंग
नशा है एक सामाजिक अभिशाप
इससे बर्बाद हो रहे हैं करोड़ों परिवार
नशा बंदी के लिए घरेलू महिला रतन शर्मा ने छेड़ी है जंग
चंदौली जिले के इलिया थाना अंतर्गत खरौझा गांव निवासी रतन शर्मा कहती है कि सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है मगर महिला सशक्त कैसे होगी इस पर कभी सरकार का ध्यान नहीं गया है। सिर्फ हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके या महिला उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करके ही महिलाओं को सशक्त नहीं किया जा सकता, इसके लिए सभी पहलुओं पर विचार करना होगा। नशा के चलते देश में करोड़ों परिवार बर्बाद हो रहे हैं। नशा का दंश महिलाओं को ही सहन करना पड़ रहा है। इस पर कभी सरकार ने सोचा तक नहीं है।
रतन शर्मा कहती है कि नशा को बंद करना राष्ट्रहित में एक बड़े जंग के समान है जिस तरह जवान देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर मोर्चा लेने को तैयार रहते हैं। इसी तरह नशा को बंद करने के लिए एक बड़े जंग की जरूरत है। इसके लिए महिलाओं को आगे आना होगा।
उन्होंने देश और प्रदेश की सरकार से अपील करते हुए कहा है कि सरकार नशा पर रोक लगाने के लिए दो तरह की कार्य करना बंद करें, एक तरफ शराब और सिगरेट की फैक्ट्री में लाइसेंस देकर सरकार उत्पादन करा रही है और दूसरी तरफ बोतल और पैकेट पर वैधानिक चेतावनी लिखने का फरमान जारी कर रही है। इस दोहरे चरित्र को अपनाकर महिला सशक्तिकरण की बात करना पूरी तरह से बेमानी साबित हो रहा है।
उन्होंने समाज के जागरूक लोगों से अपील करते हुए कहा है कि नशाबंदी के लिये सभी लोग आजादी की जंग की तरह लड़ाई लड़ने के लिए आगे आए तभी हम सभी कामयाब होंगे, जिससे देश का करोड़ो परिवार को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है।