102 साल के किसान पर दर्ज हुआ पराली जलाने का मुकदमा, ये है अजय राय की मांग
पराली जलाने पर किसानों पर मुकदमा व अर्थदंड लगाने की धमकी देना निंदनीय
सरकार के ऊपर लगाए कई तरह के आरोप
किसानों की खाद बीज की समस्या सॉल्व नहीं कर रहे अधिकारी
चंदौली जिले के चकिया तहसील के इलाके में पराली जलाने पर किसान 102 वर्ष के खखड़ा के अध्यापक किसान पर लादे गए मुकदमे पर मजदूर किसान मंच के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने निंदा किया है और मुकदमा वापस लेने की मांग की है। किसान नेता अगर है ने कहा कि प्रशासन की ऐसी कार्यवाही निंदनीय है और किसानों के पराली निस्तारण की पहल में की मदद करने के लिए कोशिश करनी चाहिए।
अजय राय ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि सरकार किसानों को बदनाम कर उनका उत्पीड़न करने में लगी है। महज पराली जलाने से ही प्रदूषण नही फैल रहा है। औद्योगिक ईकाइयों द्वारा भी बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलाया जा रहा है, लेकिन सरकार का साहस नहीं है कि वह उनके विरूद्ध कार्यवाही करें। किसान तो मजबूरी में पराली जलाता है क्योंकि उसे अगली फसल के लिए खेत को साफ करना पड़ता है। यदि सरकार खेत की सफाई के लिए किसानों को अनुदान दे तो किसान को पराली जलाने की आवश्यकता ही नहीं रहेगी।
मजदूर किसान मंच ने सरकार व प्रशासन से किसानों पर मुकदमें लादने की धमकी देने की कार्यवाही वापस ले, क्योंकि किसानों के बीच दहशत व्यापत है और खेत सफाई के लिए किसानों को अनुदान देने की मांग की है। आज मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कहा कि जानकारी मिली हैं कि करइल के में पराली जलाने पर खखड़ा बलवंतसिंह पूर्व अध्यापक जिनकी उम्र 102 बरस पर हैं उन पर खतौनी में नाम पर किया गया है।
आईपीएफ ने जिलाधिकारी चंदौली से मुकदमा वापस लेने की मांग करेगा। वहीं पूरे जनपद में कई किसानों के उपर पराली जलाने पर मुकदमा किया जा रहा हैं। सरकार का यह काम किसान विरोधी है। किसानों से मिलने के बाद कहा कि मोदी सरकार किसानों के संकट को हल करने की जगह जुंबा खर्च केवल कर रही है।हर जगह के किसान खाद संकट से जूझ रहे हैं और खाद की वजन हटाने में लगी हैं पहले पचास किलो से पैंतालीस किलो किया अब चर्चा हैं कि चालीस किलो कर रही है। वही सरकार किसानों से वादे के अनुसार एमएससी भी नहीं दे रही है।