सेमरा गांव में निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन,  मातृभूमि सेवा ट्रस्ट की पहल

 

"जन सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है; गरीबों की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है। इस कार्य के लिए अच्छी सोच के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। ऐसा करने से हम लोग इन बेसहारा लोगों का कुछ देर के लिए दुख दूर कर सकते हैं।" कुछ इसी ध्येय और लोगों में वैचारिक आंदोलन की पहल के साथ आज शुक्रवार को काली मंदिर परिसर सेमरा में मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आर.के.नेत्रालय, वाराणसी द्वारा आयोजित निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया।

शिविर में पधारे डा.अमरेश उपाध्याय ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कहा गया है कि सेवा परमो धर्मा कहा गया है। भागवत कथा और रामायण में भी भगवान श्रीकृष्ण और राम ने भी जनसेवा धर्म को निभाया था। लेकिन इन दिनों की तू-तू, मैं-मैं और निज हितों को साधने की साधना देखकर उम्मीदें टूटती जा रही हैं। लोग इस से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने लिए तो सभी जीते हैं मजा तो तब है, जब गरीबों व असहायों के लिए भी कुछ करें। समाज के प्रबुद्ध लोगों को भी इस पुनीत कार्य के लिए आगे आना चाहिए। हमारा संगठन गरीबों की मदद के लिए काम करता है।

कार्यक्रम के अंत में शामिल हुए लोगों द्वारा एक-दूसरे के लिए कुछ अच्छा करने का संकल्प लिया गया। इस मौके पर सिहोरियां शहाबगंज निवासी एक गरीब आदमी अलीम जिनकी मां किडनी की बिमारी से ग्रसित हैं,इनको तसलीम भाई की पहल से मदद की शुरुआत की गई।आज  कुल 243मरीजों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। धन्यवाद सुमंत कुमार मौर्य ने किया।

शिविर में मुख्य रूप से डा.अमरेश उपाध्याय, डा.शाहजाद,अजय कुमार सिंह,मोनू पासवान, सुमंत कुमार मौर्य, चन्द्रशेखर शाहनी, दिलीप गुप्ता, रामबोला तिवारी, नरेन्द्र भूषण तिवारी, विरेन्द्र भूषण तिवारी, रिंकू विश्वकर्मा इत्यादि लोग उपस्थित रहे।