अहरौरा- मिर्जापुर को जोड़ने वाला गड़ई नदी का पुल कब हो पाएगा चालू, कोरोना काल से लटका है निर्माण

दोनों पुलों का काम भी शुरू और शहाबगंज का पुल बनकर तैयार होने के साथ आवागमन भी शुरू हो गया मगर गरई नदी का पुल अब तक लटका हुआ है।
 

8 साल से इस पुल का नहीं हो पाया निर्माण

कोरोना काल में लटक गया पुल का निर्माण

पुल बनने से जिले के नक्सल इलाके के लोगों को होगी सहूलियत

चंदौली जिले के चकिया से अहरौरा (मिर्जापुर) को जोड़ने वाला निर्माणाधीन पुल अब तक अधूरा है। शिकारगंज के पास गड़ई नदी पर आठ साल से इस पुल का निर्माण चल रहा है। कभी धन की कमी तो कभी तकनीकी कारणों से हवा में लटका है और क्षेत्रीय लोग इसे पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। पूरे काम को कागजी कार्रवाई के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

आपको बता दें कि नक्सल क्षेत्र में आवागमन की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए साल 2016 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत शहाबगंज में कर्मनाशा नदी पर और शिकारगंज के पास गड़ई नदी में दो पुलों के निर्माण की स्वीकृति शासन से मिली थी। दोनों पुलों का काम भी शुरू और शहाबगंज का पुल बनकर तैयार होने के साथ आवागमन भी शुरू हो गया मगर गरई नदी का पुल अब तक लटका हुआ है। साल 2017 के बाद पुल का निर्माण धन के अभाव में लटक गया। बाद में शासन से धन मिलने पर कोरोना काल के चलते लटक गया।

बताते चलें कि पुल न बनने से जिले के नक्सल इलाके के लोगों को दूसरे मार्ग से कई किमी का चक्कर लगाकर अहरौरा और मिर्जापुर तक आवागमन करना पड़ता है। मिर्जापुर से चंदौली आने में दिक्कत होती है। लेकिन लोगों की समस्याओं को दूर करने के बजाय अफसर व सत्ता पक्ष के राजनेता बहाने बनाने में जुटे हैं।

इस संबंध में लोक निर्माण विभाग अधिशासी अभियंता कृष्ण कुमार ने बताया कि शिकारगंज के गड़ई नदी पर पुल निर्माण को लेकर शासन से कुछ कारणों को लेकर जवाब मांगा गया है। इसका जवाब तैयार कराया जा रहा है। उसे बनाकर जल्द भेजा जाएगा। इसके बाद शासन से आदेश होने के बाद अधूरे पुल को पूरा करा दिया जाएगा।