धूमधाम से मनाई गई तथागत गौतम बुद्ध की जयंती, चकिया गांव में हुआ आयोजन
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चंदौली जिले में महामानव करुणा के सागर तथागत गौतम बुद्ध जयन्ती समारोह जिला मुख्यालय स्थित चकिया ग्राम सभा में धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर गौतम बुद्ध की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण करके कार्यक्रम की शुरुआत की गई। 
 

चकिया गांव में गौतम बुद्ध जयन्ती समारोह

गौतम बुद्ध के उपदेशों पर चर्चा

गौतम बुद्ध के संदेश को फैलाने पर जोर 
 

चंदौली जिले में महामानव करुणा के सागर तथागत गौतम बुद्ध जयन्ती समारोह जिला मुख्यालय स्थित चकिया ग्राम सभा में धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर गौतम बुद्ध की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण करके कार्यक्रम की शुरुआत की गई। 

बताते चलें कि इस पूर्णिमा पर हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी बुद्ध पूर्णिमा धूम धाम से मनाई गई। इस दौरान उपस्थित लोगों ने तथागत गौतम बुद्ध के चरणों में उसे पारितन वादीवेलु प्रज्वलित किया। इस मौके पर उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि विश्व के 66 देशों में बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, लेकिन अपने देश में महामानव गौतम बुद्ध उपेक्षित हैं। तथागत गौतम बुद्ध का जन्म उस समय हुआ था। जब समाज में ऊंच, नीच, सामाजिक विषमता थी। महामानव गौतम बुद्ध ने अपने उपदेशों के माध्यम से सम्पूर्ण मानव समाज को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है।

हम सब लोग को उनके विचारों व उपदेशों पर चलकर सम्पूर्ण विश्व को एक सूत्र में बांधा जा सकता है। इस मौके पर मारवाड़ी शिक्षण संस्थान के प्रबंधक संजय मौर्य ने कहा कि महामानव गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई. पूर्व कपिलवस्तु के पास लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम शुद्धोधन व माता का नाम माया देवी था। 15 वर्ष कि उम्र में घर छोड़ दिया। इनको बोध गया में ज्ञान प्राप्त हुआ। उन्होंने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया। भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति व महापरिनिर्वाण  वैशाख की पूर्णिमा को 483 ई0 में  कुशीनगर में  परित्याग कर दिया।

इस अवसर पर संजय कुमार मौर्य, मोतीलाल मौर्य, अरुण कुमार मौर्य, परमहंस, रामअवध, बचाऊ मौर्य, सतीश मौर्य, राजेश मौर्य, प्रवीण, सुजीत, राजकुमार, मनोज, फूलचंद मौर्य आदि ने माल्यार्पण किया। कार्यक्रम का संचालन संजय मौर्य  ने किया।