हज यात्रा से सकुशल वापस घर लौटे पति-पत्नी, हाजियों के गांव पहुंचते ही हुआ जोरदार स्वागत

हाजी जलालुद्दीन का कहना है कि मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए हज यात्रा बेहद जरूरी मानी गई है के इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है।
 

अमांव गांव से हज यात्रा पर गए थे जलालुद्दीन व सैमुननिशा

गाजे बाजे व आतिशबाजी कर फूल मालाओं से स्वागत

लोगों से चर्चा की हज की यादें

चंदौली जिले के शहाबगंज विकासखंड क्षेत्र के अमांव गांव से हज यात्रा पर गए हज यात्रियों के वापस घर आने पर हिंदू व मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गाजे बाजे के साथ आतिशबाजी कर फूल मालाओं से लादकर उनका जोरदार स्वागत किया। लोगों द्वारा उनका जोरदार स्वागत करने पर वह गदगद हो गए।

बताते चलें कि शहाबगंज विकासखंड क्षेत्र के अमांव गांव निवासी जलालुद्दीन व उनकी पत्नी सैमुननिशा 18  मई को लखनऊ होते हुए सऊदी अरब मक्का मदीना के लिए हज यात्रा पर मक्का मदीना पहुंचे। हाजी जलालुद्दीन का कहना है कि मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए हज यात्रा बेहद जरूरी मानी गई है के इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। इस्लाम के मुताबिक अल्लाह को राजी करने के लिए जीवन में एक बार हज यात्रा पर जाना बेहद जरूरी है। हज हर मुसलमान पर कर्ज है जो शारीरिक एवं आर्थिक रूप से सक्षम है। हम लोगों ने 40 नमाज मदीना में से सहज के अरकान मक्का में अदा किये।

वहीं हाजी सैमुननिशा का कहना है कि अल्लाह के घर जाकर घर परिवार पड़ोस अपने वतन की व पूरी दुनिया के लिए अमन चयन की दुआ मांगी।
हज यात्रियों के वापस घर आने पर हसीना बानो, सकीना बानो नरगिस , जमालुद्दीन, मेराजुद्दीन , ताजुद्दीन, मकबूल आलम, फरीजूद्दिन, मिथिलेश कुमार, अभिषेक वर्मा, बाबू आसिफ, यूनुस अंसारी, सुनील चौहान, त्रिभुवन यादव, अरविन्द गुप्ता, हसामु, सदीक सहित लोगों ने माला पहनकर उनका स्वागत किया गया।