कर्मनाशा नहर में पानी बहाएं जाने से किसानों में रोष, धान की फसल हो जाएगी खराब
पके धान के खेतों में घुसा पानी
कच्चा हो जाएगा खेत तो कैसे होगी कटाई
गेहूं की बुवाई भी होगी लेट
किसानों में दिखा गुस्सा
चंदौली जिले के शहाबगंज विकास खंड के लतीफशाह बीयर से निकली लेफ्ट व कर्मनाशा नहर में पानी बहाएं जाने से किसानों में रोष व्याप्त है। वहीं खेत में पानी घुसने से धान की कटाई भी बाधित हो गयी है। जब पानी की जरूरत होती थी तो पानी नहीं मिलता और जब नहीं चाहिए होता है तो पानी बहाया जाता है।
किसानों का कहना है कि इस समय धान की फसल पककर तैयार है। कुछ किसान धान की कटाई में जुट गये हैं। वही कुछ किसान तैयारी में लगे हुए हैं। लेकिन इस दौरान नहर में पानी चलाये जाने से खेतों में पानी घुस गया है। जिससे फसल की कटाई बाधित होने की संभावना बढ़ गई है। वहीं आगामी फसल गेंहू के समय पानी के लिए विकट समस्या पैदा हो सकती है।
इस बार जून, जुलाई व अगस्त माह में बरसात नहीं होने के कारण किसानों के सामने धान रोपाई की विकट समस्या पैदा हो गई थी। बांध भी सूख गये थे। लोगों ने निजी संसाधनों से किसी प्रकार धान की रोपाई किया। इसके बाद भी पानी के अभाव में धान के पौधे सूखने लगे। लेकिन सितम्बर माह में हुई बरसात ने किसानों के लिए संजीवनी का कार्य किया। वहीं अच्छी बरसात के कारण बांध भी भर गये हैं। किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिला। धान पकने लगा तो दोनों नहरों को अक्टूबर अंतिम दिन में बंद कर दिया गया।
इस समय किसान धान की कटाई में जुटे हुए हैं तो नहर में पानी चलाये जाने से शाखा माइनरों में पानी बहाएं जाने से किसानों के खेतों में पानी घुस गया है। वहीं माइनरों में पानी बहने हार्वेस्टर के गुजरने में समस्या पैदा हो गई है। सिंचाई विभाग के इस लापरवाही पूर्ण कार्य को लेकर किसानों में आक्रोश व्याप्त है।
इलाके के किसान चन्द्र प्रकाश, अरविंद मिश्रा, शशी शेखर, अंगद मौर्य, सुदामा यादव, अरबिंन्द गुप्ता कल्लू ने कहा कि सिंचाई विभाग का कार्य बहुत ही लापरवाही पूर्ण है। ऐसे में धान की कटाई का कार्य बाधित हो जायेगा।