घर घर जल नल पहुंचाने का दावा होगा फ्लॉप, शुरुआती दौर में दिखने लगा घोटाला
 

जल जीवन मिशन के लिए पेयजल संग्रह के लिए बन रहे टंकी की गुणवत्ता पर भी कई जगह सवाल उठ रहे हैं। अभी चकिया के महादेवपुर में बन रही टंकी की गुणवत्ता की शिकायत वहां के ग्रामीण कर चुके हैं। 
 

2024  तक हर घर जल पहुंचाने का दावा

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में फेल हो रही योजना

आईपीएफ नेता ने खोली पोल

जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी

चंदौली जिले में घर-घर जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक दावा अभी शुरुआत की ही दौर में हैं और अभी ही यह भ्रष्टाचार के चपेट में है। कहा जा रहा है कि यह उत्तर प्रदेश के चंदौली  में सबसे बड़ा घोटला साबित होगा। इस योजना में काम कर रहे ठेकेदारों ने छोटे छोटे लोगों को ठेके दे दिए हैं, जिससे पाइप व अन्य सामान स्तरहीन तरीके के लग रहे हैं।

आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने उत्तर प्रदेश  जल निगम ग्रामीण से जन सूचना अधिकार 2005-2006 के तहत् मांगी गयी जन सूचना के तहत् जन सूचना अधिकारी सहायक अभियंता  सीता राम यादव द्वारा मिले जबाव के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि चंदौली में जल निगम के अधिकारी द्वारा कहा गया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत डाली जा रहीं पाइप लाइन के लिए जनपद के सम्बन्धित विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया गया है, जबकि जमीनी सच्चाई यह हैं कि वन विभाग ने कई जगह पाइपलाइन बिछाई जाने से रोक लगा दिया है।

बताया जा रहा है कि चकिया के भौका बंधे के नीचे बसें दर्जनों लोगों के पहले ही पाइपलाइन बिछाए जाने पर रोक है। इसी तरह कई गांवों से रपट मिल रहीं हैं। दूसरी तरफ मांगी गयी जन सूचना में चंदौली के लगभग सभी जगह जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदे गए गड्ढे व नालियों से आवागमन में रोजाना हो रहें दिक्कतें व दुर्घटना के जबाव में कहा गया कि डालें गए पाइपलाइन के लिए गढ्ढे व नालियों की भराई व मरम्मत व पुर्नस्थापना का कार्य पाइपलाइन टेस्टिंग एवं एफएचटीसी के कार्य के बाद कराया जाएगा। लेकिन धीमी गति से हो रहें काम और अभी कई जगह में तो शुरुआत भी नहीं हुआ है। इसलिए आपके आवागमन  बाधित व रोजाना हो रहीं दुर्घटना से आपको ही जूझना होगा और बचना होगा।
 


उन्होंने कहा कि चंदौली जनपद में जल जीवन मिशन के पेयजल योजनाओं का निर्माण पांच फर्मों द्वारा कार्य कराया जा रहा है, जिसमें मेसर्स जीएस इन्फ्रा ,मेसर्स आयन एक्सचेंज (ई) लिमिटेड, मेसर्स वीएसए इन्फ्रा, मेसर्स एचएफसीएल और मेसर्स ईस्ट इंडिया उघोग कावेरी है। पाइपलाइन की गुणवत्ता पर और नल की टोटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जानकारी के अनुसार  गुणवत्ता खराब हैं और भविष्य में घरों में पानी समुचित पानी नहीं पहुंचा सकती है। एक बाल्टी पानी लेने के लिए घंटों नल के पास खड़ा रहना होगा, जिसका उदाहरण  बिहार के कई जनपद के कई गांव हैं। इन बड़े फर्मों ने अन्य को ठेकेदार रख दिया हैं और उनसे काम करा रहे हैं ।

  जल जीवन मिशन के लिए पेयजल संग्रह के लिए बन रहे टंकी की गुणवत्ता पर भी कई जगह सवाल उठ रहे हैं। अभी चकिया के महादेवपुर में बन रही टंकी की गुणवत्ता की शिकायत वहां के ग्रामीण कर चुके हैं।  पाइपलाइन की मोटाई गांव की आवादी के हिसाब से बहुत कम है। जिससे  पानी का प्रेशर कम होगी जिसकी शिकायत गांव से आती रहती है।

 आईपीएफ नेता अजय राय ने कहा कि बजट के हिसाब से गांव में खराब पाईप व टोटी व नल  लगती हैं तो यह बड़ा घोटला होगा जिस पर शुरुआती समय में रोक लगनी चाहिए।