जनकपुर माइनर तथा लेहरा साख राजवाहा टूटा, गेहूं के खेतों की सिंचाई हुई बाधित
 

 जबकि लेहरा साख राजवाहा भी पिछले 3 दिनों से टूटा पड़ा हुआ है। जिसके कारण नहर का पानी गंदे नाले में बह रहा है और किसानों की सिंचाई बाधित पड़ी हुई है।
 

 चकिया तहसील अंतर्गत लतीफ शाह बांध से निकली है नहर

लेहरा साख राजवाहा के टूटने से किसानों के गेहूं डूबे

 बोरियों से हो रही है टूटे नहर की मरम्मत 


चन्दौली जिला के चकिया तहसील अंतर्गत लतीफ शाह बांध से निकली जनकपुर माइनर उद्गम स्थल से महज 500 मीटर दूरी पर टूट गई है। वहीं लेहरा गांव के समीप लेहरा साख राजवाहा के टूटने से किसानों के गेहूं खेतों की सिंचाई बाधित हो गई है।

  बता दें कि शहाबगंज विकासखण्ड क्षेत्र के किसानों की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली जनकपुर माइनर से 22 गांवों के किसानों की हजारों एकड़ फसल की सिंचाई होती है। बारिश न होने के कारण इस बार गेहूं के खेतों की सिंचाई नहरों तथा निजी साधनों के भरोसे हो गई है। गेहूं की खेतों की दूसरी सिंचाई के लिए इन दिनों पानी की मांग तेज होने पर 6 फरवरी को राइट कर्मनाशा नहर खोलने के साथ ही जनकपुर माइनर को भी खोला गया। एक दिन पानी आपूर्ति होने के बाद दूसरे दिन जनकपुर माइनर उद्गम स्थल से 500 मीटर की दूरी पर करीब 5 से 6 मीटर की दूरी तक टूट गई।

 जिससे माइनर का पानी राइट कर्मनाशा नहर में जाने लगा। और माइनर से जुड़े बरहुआ, जनकपुर, शाहपुर, उसरी, रामशाला, सैदूपुर, बसाढी, सुल्तानपुर, खोजापुर, नसोपुर, अर्जी, ईशापुर, घुरहूपुर आदि गांवों के किसानों के खेतों की सिंचाई बाधित हो गई। सूचना मिलने पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अगले दिन मिट्टी और बालू की बोरियों से टूटे नहर की मरम्मत कराने का कार्य शुरू करा दिया है।

 जबकि लेहरा साख राजवाहा भी पिछले 3 दिनों से टूटा पड़ा हुआ है। जिसके कारण नहर का पानी गंदे नाले में बह रहा है और किसानों की सिंचाई बाधित पड़ी हुई है। सूचना के बाद भी विभागीय अधिकारी मौन साधे हुए हैं। किसानों को पानी ना मिलने से फसल के सूखने का भय सताने लगा है।

   इस संदर्भ में सिंचाई विभाग के जेई मनीराज यादव का कहना है कि जनकपुर माइनर की मरम्मत कराई जा रही है जबकि लेहरा साख राजवाहा की मरम्मत कराने के लिए अभी 4 से 5 दिन का वक्त लगेगा तब तक राजवाहा में पानी लगातार छोड़ा जा रहा है ताकि शेष किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी ना उठानी पड़े।