सिंचाई विभाग की लापरवाही से फिर टूट गई जनकपुर माईनर, इलाके के किसान आक्रोशित
 

पानी आपूर्ति शुरू होते ही उद्गम स्थल से महज 300 मीटर की दूरी पर पक्की नहर में पुनः बड़ा होल बन गया और माइनर फिर से बंद करनी पड गई। जिसके कारण अभी तक क्षेत्र के किसानों की रोपाई नहीं हो पाई है।
 

पानी की आपूर्ति न होने से धान की रोपाई बाधित

 बार-बार नहर के टूटने से किसान आक्रोशित

होल बन जाने से एक सप्ताह से बंद है नहर 


 चंदौली जिला के चकिया तहसील अंतर्गत लतीफशाह बांध से निकली जनकपुर माइनर में बड़ा होल बन जाने से एक सप्ताह से नहर बंद पड़ी हुई है। जिससे क्षेत्र किसानों के धान की रोपाई पूरी तरह से बाधित है। सिंचाई विभाग की लापरवाही से बार-बार नहर के टूटने से किसानों में आक्रोश गहराता जा रहा है।

  क्षेत्र के किसानों की लाइफ लाइन कही जाने वाली जनकपुर माइनर से बरहुआ, शाहपुर, उसरी, रामशाला सुल्तानपुर, सैदूपुर, बसाढी, अर्जी ईसापुर, घुरहूपुर सहित 22 गांवों के किसानों के खेतों की सिंचाई होती है। धान के बीज तैयार होने के बाद भी बारिश न होने के कारण रोपाई के लिए किसानों को जनकपुर माइनर का ही सहारा है। जबकि एक सप्ताह से लेफ्ट तथा राइट कर्मनाशा नहर को खोलकर पानी की आपूर्ति की जा रही है। जबकि उसी वक्त जनकपुर माइनर को खोला गया जो एक दिन के बाद टूट गयी। जिसके बाद नहर को बंद करके मरम्मत कराई गई। पानी आपूर्ति शुरू होते ही उद्गम स्थल से महज 300 मीटर की दूरी पर पक्की नहर में पुनः बड़ा होल बन गया और माइनर फिर से बंद करनी पड गई। जिसके कारण अभी तक क्षेत्र के किसानों की रोपाई नहीं हो पाई है। बीज तैयार होने के बाद उसको बचाने के लिए किसान दिन रात एक किए हुए हैं।

 किसान भोलानाथ, राजेंद्र प्रसाद, रमाकांत, कपिलदेव सिंह, नंदलाल, लालजी का आरोप है कि सिंचाई विभाग द्वारा माइनर की सफाई न करने के कारण कुछ दूरी पर नहर में भारी मिट्टी जाम पड़ी हुई है। जैसे ही पानी की आपूर्ति हो रही है मिट्टी का दबाव के कारण नहर बार-बार टूट जा रही है। गर्मी के दिनों में अगर नहर की सफाई की गई होती तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती।

 जबकि सिंचाई विभाग के जेई मुनिराज यादव माइनर की सफाई ना होने पर अपनी गलतियों से पल्ला झाड़ते हुए कहते हैं कि माईनर में बने होल की मरम्मत कराई जा रही है। मरम्मत कर पूर्ण होते ही पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।