नवरात्र के सातवें दिन भक्तों ने की मां कालरात्रि की पूजा अर्चना

उन्होंने कहा कि देवी को नारियल, बताशे, लौंग का जोड़ा और गुडहल का पुष्प चढ़ाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इससे मां प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना जल्द पूर्ण करती हैं।
 

  चकिया मां काली मंदिर में सुबह से ही लगी रही भीड़

भक्त श्रद्धालुओं ने किया दुर्गा चालीसा, सप्तशती का पाठ

भक्तों ने माता के जमकर जयकारे लगाए

चंदौली जिला के चकिया में नवरात्र के सातवें दिन सोमवार को कई भक्तों ने उपासना रखकर मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि देवी की उपासना की। मंदिरों में भक्तों ने देवी के दर्शन कर विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। सुबह के समय यज्ञ, दुर्गा चालीसा, सप्तशती का पाठ हुआ। भक्तों ने माता के जमकर जयकारे लगाए।

माता के जयकारों और घंटों की ध्वनि से मंदिर परिसर गूंजते रहे। दोपहर में महिलाओं ने भजन-कीर्तन किया। मंदिरों में सुबह-शाम हुई आरती में काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

चकिया नगर स्थित मां काली मंदिर के पुजारी नरेंद्र कुमार झा तथा जागेश्वरनाथ धाम के पुजारी अनूप गिरी ने बताया कि नवरात्र के सातवें दिन दुर्गा माता के सातवें स्वरूप कालरात्रि देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। कालरात्रि देवी का रंग गहरा काला है। इनके गले में बिजली की भांति चमकती हुई माला है।
इनके तीन नेत्र हैं, जो ब्रह्मांड की तरह गोल हैं। नासिका से अग्नि की ज्वालाएं निकलती हैं। इनका स्वरूप देखने में काफी भयानक लगता है, मगर यह देवी सदैव शुभ फल प्रदान करने वाली हैं। इसलिए इन्हें शुभंकारी भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि देवी को नारियल, बताशे, लौंग का जोड़ा और गुडहल का पुष्प चढ़ाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इससे मां प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना जल्द पूर्ण करती हैं।

सोमवार को सुबह चकिया की ऐतिहासिक मां काली मंदिर सिकंदरपुर स्थित मा कोट भवानी मंदिर जागेश्वरनाथ धाम में मां दुर्गा मंदिर पूर्वी बाजार स्थित दुर्गा मंदिर कालिका धाम कॉलोनी स्थित दुर्गा मंदिर चौक झंडा माता मगरौर स्थित मां मंगला गौरी मंदिर सहित तमाम देवी मंदिरों पर दर्शन पूजन का आलम बना रहा।