शहाबगंज में टूटा है लेफ्ट कर्मनाशा नहर  का तटबन्ध, नहर बंद होने के बाद मरम्मत कराएंगे जेई साहब
 

 किसानों का कहना है कि धान की नर्सरी डालने में पहले से ही विलम्ब हो गया है। दो दिन पहले नहर  में पानी आते ही किसान धान की नर्सरी डालने की तैयारी में लग गये थे।
 

शहाबगंज के बड़गांवा गांव के झाल के पास टूटी नहर

लगभग 800 बीघा खेत की धान नर्सरी होगी प्रभावित

हर साल टूटती है यहां नहर और बहाने बनाते हैं अफसर

चंदौली जिले के शहाबगंज के बड़गांवा गांव के झाल के पास शुक्रवार को कर्मनाश लेफ्ट का तटबंध टूट गया है,  जिससे किसानों का धान की नर्सरी डालने के लिये दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। किसान अपने खेत में धान की नर्सरी नहीं डाल पाएंगे।

 किसानों का कहना है कि धान की नर्सरी डालने में पहले से ही विलम्ब हो गया है। दो दिन पहले नहर  में पानी आते ही किसान धान की नर्सरी डालने की तैयारी में लग गये थे। खेत तक पानी पहुंचने से पहले ही बड़गावा झाल के नीचे  बन्ध टूट गया। कुलावे से पानी निकल कर पुनः नहर में चला जा रहा है, जिससे किसान परेशान हैं। जबकि धान की नर्सरी जून के प्रथम सप्ताह तक पड़ जानी चाहिये। लेकिन नहर के विलम्ब से खुलने के कारण धान की नर्सरी पिछड़ रही है।

किसानों का कहना है कि नहर का तट बन्द टूटने से ठेंकहा, बड़गावा व सुबन्था मौजा के लगभग 800 बीघा खेत की धान नर्सरी  नहीं पड़ पायी है। किसानों ने उच्चाधिकारियों को तट टूटने की घटना से अवगत कराया है।

किसान अफसाद खां, महबुब, बुद्धन, मकसूद, दशमी, शमशाद, रामजनम, रामलाल ने बताया कि हर वर्ष धान की नर्सरी डालने से पहले तट बन्ध टूट जाता है। किसान स्वयं अपने सहयोग से मरम्मत कराते हैं। अबकी बार अगर जल्द ही मरम्मत नहीं होगा तो हम सभी किसान धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे।

 वहीं सिंचाई विभाग के उदासीन जेई जितेन्द्र कुमार पटेल बताया कि कुछ देर पहले तट बन्ध टूटने की जानकारी मिली  है। नहर बन्द होते ही उसको अच्छे से मरम्मत करा दिया जायेगा।