मुशायरा व कवि सम्मेलन के दौरान देशभक्ति के रंग में डूबा बड़गावां गांव
 

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि इंजीनियर अबु बकर सिद्दीकी ने फीता काटकर किया।इसके बाद कवियों के शानदार प्रस्तुति ने लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।
 

कौमी यकजहती फाउंडेशन

शेरो-शायरी व हास्य-व्यंग्य श्रृंगार रस का उठाया लाभ

भोर तक लुत्फ़ लिया श्रोताओं

आल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन संम्पन्न  

चंदौली जिले के शहाबगंज इलाके में एकता, अम्न की पहचान ना खोने देंगे, बीज नफ़रत और अदावत के न बोने देंगे..देश के हिन्दू और मुसलमानों ने खाई है कसम, कुछ भी हो देश को बर्बाद ना होने देंगे.. समर ग़ाज़ीपुरी के गीत पर लोग झूम उठे। तो ऐसे ही देशभक्ति, शेरो-शायरी, श्रृंगार रस एवं हास्य-व्यंग की कविताओं का लुत्फ क्षेत्र के बड़गावां गाँव में शनिवार की देर शाम कौमी यकजहती फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित आल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन में श्रोतागण रविवार की भोर तक उठाते रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि इंजीनियर अबु बकर सिद्दीकी ने फीता काटकर किया।इसके बाद कवियों के शानदार प्रस्तुति ने लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। कवि गुलजार अहमद ने नफरत की दुकानों में कहा बिकती है मोहब्बत, दिल देके देखो मुझको, तुझे प्यार मिलेगा। कवि झगड़ु भैया ने कहा कि जिन बवण्डर भरम क उड़ा वल करा, सूर्य के चंद्रमा जिन बतावल करा,होया मंदिर में चाहे मस्जिद मे तू एक प्रेम दियना जलावल करा। नूर बनारसी ने कहा कि नेता बिकता है बोलो खरीदोगे अच्छा बिकता है बोलो खरीदोगे।

कवि बंधु पाल ने कहा फूल गुलदस्ता में जब सजावल जाएगी केकरे केकरे नजर से बचावल जाई। मेरठ से आए दानिश ने कहा कि हो गया सर कलम तेरे इस बात पर जुल्म के आगे सर जो झुकाया नहीं। हिना अंजुम इलाहाबाद ने कहा कि  किताबे इश्क हूँ तेरी मुझे पढ़ सामने आकर मेरे महबूब छुप छुप कर मेरा दीदार मत करना। अतीक नजर  ने कहा की आसमा देख के हैरान न हों,ये सिमट जाएगा धीरे धीरे। शाइस्ता सना धानपुर ने कहा कि वादा करती हूं कुछ भी है जाए मैं सदा गम में मुस्कुराउंगी। रेहान हाशमी ने कहा जब जब वतन ने मांगा लहू हमने दिया रोजा नमाज जैसे इबादत के वास्ते गंगा तेरे पानी से वजू हमने किया है।

इस दौरान इंजीनियर अबू बकर सिद्धकी, प्रधान संघ अध्यक्ष गुलफाम अहमद उर्फ मिक्कू, कयूम खान, मुस्ताक खान, अलाउद्दीन, अब्दुल समद, अरशद फौजी, नौशाद, दानिश बीडीसी रिंकू, शाहनवाज, प्रदीप जायसवाल, केसरी नंदन जयसवाल, उपेंद्र मिश्र, फूजैल खान, अनीस खान, इबरार, दशमी मौर्य आदि लोग उपस्थित थे। कवि सम्मेलन का संचालन समर गाजीपुरी ने किया।