शहीद को गांव में ही दफ़नाकर दी गयी अंतिम विदाई, लोगों ने शव पर बरसाये फूल
 

शहाबगंज थाना क्षेत्र के रसिया गांव निवासी आलोक राव असम राइफल्स के जवान के रूप में भर्ती होने के बाद मणिपुर में तैनात थे। आलोक राव की शवयात्रा बृहस्पतिवार की दोपहर में वाराणसी एयरपोर्ट से चकिया पहुंची।
 

पिता विजय कुमार और प्रशासन के लोगों ने दिया कंधा

शहीद जवान का बनेगा स्मारक

गांव का प्रवेश द्वार भी बनवाएंगी जिला पंचायत सदस्य
 

 

चंदौली जिले के शहाबगंज विकास खंड के शहीद आलोक राव का पार्थिव शरीर को गाँव में ही शहीद के पिता के नाम से खाली पड़ी जमीन में दफ़नाया गया। जब शहीद का पार्थिव शरीर पिता विजय कुमार और प्रशासन के लोगों ने कंधे पर उठाया तो वहां उपस्थित महिलाएं चीख पड़ीं।

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चकिया कोतवाली अंतर्गत रसिया गांव निवासी मणिपुर के उग्रवादियों के हमले में शहीद असम राइफल्स के जवान आलोक राव की मणिपुर में उग्रवादियों के हमले में शहीद हो गए थे। शहाबगंज थाना क्षेत्र के रसिया गांव निवासी आलोक राव असम राइफल्स के जवान के रूप में भर्ती होने के बाद मणिपुर में तैनात थे। आलोक राव की शवयात्रा बृहस्पतिवार की दोपहर में वाराणसी एयरपोर्ट से चकिया पहुंची। फिर नगर से गुजरती हुयी  शव यात्रा को देखकर लोग चिलचिलाती धूप में सड़क पर उतर आए और जब तक सूरज चांद रहेगा आलोक तेरा नाम रहेगा..जैसे नारे लगातर वीरगति पाए जवान का अभिवादन किया।

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बताया जा रहा है कि क्षेत्र के लोगों को जैसे ही पता चला कि रसिया का जवान शहीद हो गया है और पार्थिव शरीर गांव में आ रहा है तो रसिया गाँव के लिए क्षेत्र के विभिन्न गाँव के लोग चल दिए। सुबह दस बजे तक हजारों की संख्या में लोग जहां शहीद का पार्थिव शरीर को रखा जाना था पहुंच गए। लोगों को कोई असुविधा न हो इसके लिए प्रशासन व ग्राम प्रधान तालिब द्वारा छाया तथा पानी की व्यवस्था की गयी थी। लोगों ने बारी-बारी से शहीद को  श्रद्धांजलि दी। 

 

पुलिस क्षेत्राधिकारी रघुराज, चकिया इंसपेक्टर मिथिलेश तिवारी, शहाबगंज इंस्पेक्टर मिर्जा रिजवान बेग,बबुरी इंसपेक्टर अमित कुमार शांति  व्यवस्था में कोई कमी न हो इसके लिए सुबह से ही चकिया सीआरपीएफ सेंटर से रसिया गाँव तक चक्रमण करते रहे।