चकिया में बाबा लतीफशाह मेला: आस्था, उत्सव और भाईचारे का संगम,  मेले में उमड़ी भीड़

सुबह से ही श्रद्धालु बाबा लतीफशाह की मजार पर जियारत के लिए जुटने लगे। इसी के साथ श्रद्धालुओं ने बाबा बनवारी दास के मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। 
 

हजारों श्रद्धालुओं की भीड़

दरगाह और मंदिर में उमड़ा जनसैलाब

सुबह से ही जियारत और पूजा-अर्चना के लिए लगी लंबी कतारें

बच्चों ने उठाया झूले और खिलौनों का आनंद

डैम और मजार के पास पुलिस का चप्पे-चप्पे पर पहरा

चंदौली जनपद के चकिया क्षेत्र के कौड़िहार गांव स्थित कर्मनाशा नदी तट पर गुरुवार को बाबा लतीफशाह का ऐतिहासिक मेला धूमधाम से आयोजित हुआ। इस दौरान हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के हजारों श्रद्धालु पहुंचे और दरगाह पर जियारत करने के साथ बाबा बनवारी दास के मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। मेले में गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी झलक देखने को मिली।

दरगाह और मंदिर में उमड़े श्रद्धालु

सुबह से ही श्रद्धालु बाबा लतीफशाह की मजार पर जियारत के लिए जुटने लगे। इसी के साथ श्रद्धालुओं ने बाबा बनवारी दास के मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने दोनों स्थानों पर मत्था टेककर मनोकामनाएं मांगी

मेले में रौनक, खाने-पीने का मजा

मेले में पहुंचने वाले लोगों ने गरमा-गरम गुरही, जलेबी और चाट-पकौड़ी का लुत्फ उठाया। बच्चों ने झूले झूले और खिलौने खरीदे, वहीं महिलाओं ने भी खूब खरीदारी की। मेले में चारों तरफ उत्साह और रौनक देखने को मिली।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

इतिहास और आस्था से जुड़े इस आयोजन को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल ने डैम और मजार परिसर सहित मेले के हर कोने पर सुरक्षा व्यवस्था संभाली। कोतवाल ने स्वयं मौके पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

अधिकारियों ने लिया जायजा

अधिकारियों ने समय-समय पर मेले का निरीक्षण किया और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल को दिशा-निर्देश दिए। मेले के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।

गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल

इस मेले ने एक बार फिर चंदौली की गंगा-जमुनी तहजीब और आपसी भाईचारे की परंपरा को जीवित कर दिया। हिंदू-मुस्लिम श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी ने यह साबित कर दिया कि आस्था और विश्वास लोगों को जोड़ने का काम करते हैं।