चकिया विधानसभा क्षेत्र में अंतिम चरण में मतदान, शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ मतदान, प्रशासन ने ली राहत की सांस

सुबह 7 से शाम 6 तक संपन्न होने वाले चुनाव के दौरान सुबह के वक्त मतदान केंद्रों पर काफी भीड़ भाड़ देखी गई। दिन में 11 बजे तक चुनाव की रफ्तार ठीक-ठाक रही।
 

चकिया विधायक ने अपने गांव में डाला वोट

साराडीह में समर्थकों के साथ मतदान करने आए विधायक

लोगों का रुझान देख विजयी मुद्रा में दिखे विधायक कैलाश आचार्य

चंदौली जिला के 383 चकिया विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा के अंतिम चरण का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। इस दौरान शहाबगंज विकासखंड के केरायगांव स्थित प्राथमिक विद्यालय पर बनाए गए बूथ संख्या 82 पर एबीएम की खराबी के कारण 1 घंटे तक मतदान बाधित रहा। यहां सुबह 8 बजे से मतदान प्रारंभ हुआ जिसके कारण यहां घंटों तक काफी भीड़भाड की स्थिति बनी रही।

चकिया विकासखंड के साराडीह गांव में प्राथमिक विद्यालय पर बनाए गए बूथ संख्या 210 पर विधायक कैलाश खरवार आचार्य अपने समर्थकों के साथ मत देने के बाद प्रसन्न मुद्रा में दिखाई दिए तथा परिणाम घोषित होने के पूर्व ही वह अपने प्रत्याशी को जीत के लिए विजय का प्रतीक दिखाए। भीषमपुर गांव के बूथ संख्या 241 पर बांया पैर टूटने के बावजूद प्रताप नारायण यादव अपना वोट डालने पहुंचे उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में अपने मतों का प्रयोग करना जरूरी है क्योंकि ऐसा अवसर जिंदगी रहेगी तब 5 वर्ष बाद मिलेगा।

 इसी प्रकार किसान इंटर कॉलेज सैदूपुर पर वृद्धा रामदेयी देवी 95 वर्ष अपने घर से 400 मीटर की दूरी पर बने बूथ पर पैदल जाकर अपने मत का प्रयोग किया। इस दौरान उन्हें रास्ते में कई बार बैठ-बैठ कर बूथ तक पहुंचना पड़ा, लेकिन उन्होंने लोकतंत्र के महत्व को बरकरार रखने के लिए अपने मत का प्रयोग किया। चुनाव के दौरान सुबह के वक्त ही एडिशनल एसपी सैदूपुर किसान इंटर कॉलेज पर बनाए गए बूथ पर पहुंच गए और वहां का निरीक्षण किया, पूरे इलाके में शांति व्यवस्था देखकर वह काफी संतुष्ट नजर आए।

बता दें कि सुबह 7 से शाम 6 तक संपन्न होने वाले चुनाव के दौरान सुबह के वक्त मतदान केंद्रों पर काफी भीड़ भाड़ देखी गई। दिन में 11 बजे तक चुनाव की रफ्तार ठीक-ठाक रही। वहीं दोपहर होते ही धूप की तल्खी के कारण बूथों पर मतदाताओं की कमी देखने को मिली। वही शाम साढे चार बजे के बाद एक बार फिर वोटर मतदान केदो पर दिखाई दिए।

शाम 6 बजे तक शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न कराकर मतपेटिकाओं को अभिकर्ताओं की निगरानी में सील कर कर सुरक्षित स्ट्रांग रूम तक भेजने का कार्य पुलिस तथा पैरामिलिट्री फोर्स की निगरानी में किया गया।