मुबारक सफर-ए उमरा के लिए रवाना हुए जायरीन, इलाके के 5 लोग गए मक्का मदीना
 

बहालुद्दीन ने बताया कि साल में हज एक बार किया जाता है। लेकिन उमरा साल में कभी भी किया जा सकता है। मक्का मदीना शरीफ की यात्रा नसीब वालों को मिलती है।
 

बड़गावां और सिहोरिया गांव से पांच जायरीन रवाना

मंगलवार को शाम को फ्लाईट से जाएंदे मक्का

कस्बेवासियों ने फूल की माला पहनाकर किया रवाना

 
चंदौली जिले के शहाबगंज क्षेत्र के बड़गावां और सिहोरिया गांव से पांच जायरीन सोमवार को पवित्र सफर-ए-उमरा के लिए रवाना हुए। जायरीनों को मुबारक सफर पर रवाना करने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। लोगों ने मक्का मदीना शरीफ पहुंचकर अमन चैन की दुआ मांगने की दरख्वास्त की। परिजनों व कस्बे वासियों ने फूल माला पहनाकर जायरीनों को रवाना किया।

बताया जा रहा है कि बड़गावां गांव के अब्दुल कय्यूम, हाफिज  एजाज व सिहोरियां गांव के रजीक पत्नी जमीना बेगम, बहालुद्दीन सफर-ए- उमरा के लिए रवाना हुए। लोगों ने सफर-ए उमरा पर जाने वालों के घर पहुंच कर गले मिलकर व माला पहनकर उनका सम्मान किया और अपने हक में दुआ मांगने की अपील की। बहालुद्दीन ने बताया कि साल में हज एक बार किया जाता है। लेकिन उमरा साल में कभी भी किया जा सकता है। मक्का मदीना शरीफ की यात्रा नसीब वालों को मिलती है।
जायरिन वाराणसी से ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए और मंगलवार को शाम 6 बजे फ्लाईट से मक्का के लिए रवाना होंगे।

इस दौरान हाजी मुस्लिम, फिरोज सिद्दीकी, इमरान, निसार अहमद, सजाउद्दीन प्रधान, शेरू बाबा, इमदाद अली, जौहर अली, वैस सिद्दीकी, तफसीस सिद्दीकी, हेसामुद्दीन, सरदार शेख़, इसराज शेख़, शहंशाह शेख, रिजवान शेख, वसी शेख, वारिस मन्ना, साजिद, इश्तिहार शेख, डॉ शमशुद्दीन के अलावा हवलदार शेख़. तहसीलदार शेख, हेसामुद्दीन, फरहान ,वलीद, इस्ताक आरिफ, परवेज खान सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।