CRPF जवान कमलेश को आया बुलावा तो मां-पत्नी ने विजय का तिलक लगाकर किया रवाना
 

पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर को देखते हुए उनको ड्यूटी पर वापस बुलाया गया है।
 

चंदौली के जवान को पत्नी और मां ने लगाया सिंदूर से विजय तिलक

गांव वालों ने जयघोष के साथ किया विदा

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ज्वाइन करेंगे अपनी ड्यूट

चंदौली जनपद के सैनिक और जवानों ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे इस तनावपूर्ण माहौल में सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने का फैसला किया है। चंदौली जनपद के यूपी बिहार बॉर्डर के सीमावर्ती गांव पसही के रहने वाले कमलेश ने भी परिवार से विदाई लेकर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए निकल चुके हैं।

कमलेश पहले एनएसजी कमांडो के रूप में सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और वह सीआरपीएफ की स्पेशल सर्च ऑपरेशन में काम कर रहे हैं।  पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर को देखते हुए उनको ड्यूटी पर वापस बुलाया गया है।

भारत सरकार द्वारा छुट्टी रद्द किए जाने के बाद शनिवार को उन्होंने भी वापस लौटने का फैसला किया। उसके चलते कमलेश की पत्नी सोनी और मां मुन्नी देवी ने उनके माथे पर विजय का तिलक लगाकर विदा किया। माथे पर सिंदूर से टीका लगाकर उनको माला पहनाई और जंग में जीत का आशीर्वाद दिया।

 कहा जा रहा है कि कमलेश के पिता राम लोचन कन्नौजिया, भाई जमुना प्रसाद व गुड्डू प्रसाद ने ऑपरेशन सिंदूर में सहयोग के लिए जा रहे अपने भाई के जज्बे को देखकर गर्व महसूस कर रहे हैं। इस दौरान ग्रामीणों ने गाजे बाजे के साथ विदाई करने के साथ भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाकर हौसला बढ़ाया।

 मौके पर मौजूद लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान पूर्व ब्लाक प्रमुख आनंद सिंह बंटू, प्रधानाचार्य विनोद प्रकाश, पूर्व सैनिक अजीत कुमार, जितेंद्र कनौजिया और निरंजन समय सैकड़ों स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।