इलिया की शराब की दुकानों के साथ सैदूपुर की बियर शॉप में चल रहा मनमाना रेट

देशी शराब के निर्धारित दर से 10 रुपए वहीं, अंग्रेजी शराब 20 से 50 रुपए अधिक दामों पर बेची जा रही है। बियर शॉप की दुकानों पर भी 10 से 20 रुपए अधिक दाम लेकर ग्राहकों को बिक्री किया जा रहा है।
 
beer shops

बियर की लाइसेंसी दुकान में भी मनमानी

आबकारी विभाग की नियमों की जमकर उड़ी धज्जियां

शराब के लाइसेंसियों की खूब कट रही है चांदी

ओवर रेटिंग करके बेच रहे हैं शराब

आबकारी विभाग कुछ खास कारणों से है खामोश

चंदौली जिला के इलिया कस्बा में होली के दिन गुरुवार को आबकारी विभाग के नियमों की जमकर धज्जियां उडी। गुरुवार को दिन भर देशी, विदेशी मदिरा की दुकानों तथा बियर शॉप की दुकानों पर लाइसेंसी की शह पर सेल्समैनों द्वारा जमकर ओवररेटिंग बिक्री की गई और आबकारी विभाग मूकदर्शक बना रहा। इसकी शिकायत करने के लिए कई लोगों ने विभागीय लोगों से संपर्क करने की कोशिश की तो साहब लोग या तो नॉट रीचेबल थे या फिर फोन स्विच ऑफ रहा।

बताते चलें कि इलिया कस्बा बिहार प्रांत की सीमा पर स्थित है। यहां आस-पास के क्षेत्र के अलावा बिहार की सीमावर्ती गांवों से भारी संख्या में लोग शराब खरीदने के लिए आते हैं। वहीं बिहार में तस्करी करने वाले भी इन दुकानों से अवैध रूप से शराब खरीद कर बिहार में ऊंचे दामों पर बेचने के लिए आए दिन ले जाते हैं। सब कुछ जानते हुए भी आबकारी विभाग मौन साधे रहती है। जिससे शराब तस्करी करने वाले अपने कार्यों को अंजाम देने में लगे रहते हैं।

रंगों की होली के दिन 14 मार्च शुक्रवार को जिलाधिकारी निखिल टी फुंडें ने जहां शराब की सभी दुकानों को बंद करने का निर्देश दे रखा है। वहीं एक दिन पूर्व गुरुवार को ही शराब की खरीदारी करने वालों की सुबह से ही देशी, विदेशी मदिरा की दुकानों तथा बियर शाप की दुकानों पर लाइन लगा हुआ है। लाइसेंसी भी त्योहार पर इस भीड़ का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। और देशी शराब के निर्धारित दर से 10 रुपए वहीं, अंग्रेजी शराब 20 से 50 रुपए अधिक दामों पर बेची जा रही है। बियर शॉप की दुकानों पर भी 10 से 20 रुपए अधिक दाम लेकर ग्राहकों को बिक्री किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि इलिया कस्बा के अलावा सैदूपुर की बियर शॉप की दुकान पर भी यही खेल चल रहा है। लगता है कि इन दुकानदारों को अब किसी भी कानून का डर नहीं रह गया है, जिससे यह मनमानी ढंग से अपने कार्य को अनजान में देने में लगे हुए हैं।

इस संदर्भ में आबकारी विभाग इंस्पेक्टर से बात करने की कोशिश की गई तो उनके सीयूजी नंबर पर कॉल कनेक्ट नहीं हो रहा था। देखना है कि विभागीय अधिकारी ऐसे दुकानदारों के विरुद्ध कार्रवाई करने में सफल होते हैं या सब कुछ मैनेज होकर रह जाता है।