कब्जे में है रसिया गांव का पंचायत भवन, आखिर क्यों चुप्पी साधे हैं जिले व ब्लॉक के अफसर
शहाबगंज ब्लॉक के रसिया गांव का मामला
निजी दान की जमीन पर 2012-13 में बना है भवन
दान देने वाले व्यक्ति का ही कब्जा
सीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद नहीं हो रही कार्रवाई
चंदौली जिले में जिला हो या ब्लॉक अधिकारियों का शह मिले तो हर जगह अतिक्रमण ही नहीं पूरे सरकारी भवन पर ही कब्जा किया जा सकता है। इतना ही नहीं शिकायत करने पर अनदेखी की जा सकती हैं। शिकायत करने के बाद भी सरकार के दावे की पोल खुल जाती है। जबकि मौखिक रूप से अफसर व नेता कहते हैं कि सभी सरकारी जमीन व भवन से अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया जायेगा। लेकिन सरकार के दावे और अधिकारियों के कारनामे की तब पोल खुल जाती हैं तब जब सरकारी पंचायत भवन पर ही जमीन दान देने वाले व्यक्ति ने दूसरी मंजिल बनवाकर कर कब्जा कर लिया है।
सरकार यह कहती हैं अब सभी सरकारी ग्राम सभा का रोजमर्रा का अभिलेख पंचायत भवन में रहेंगी और निश्चित दिन ग्राम पंचायत के प्रधान व सेक्रेटरी बैठकर ग्राम सभा के लोगों की समस्या का निस्तारण व विकास कार्यों की योजना ग्राम सभा के सदस्यों या जनता की खुली बैठक कर बनायी जायेंगे, लेकिन जब पंचायत भवन ही कब्जा के चपेट हो तो कहाँ अभिलेख रखें जायेंगे और कहाँ पर बैठक होगी।
जानकारी के अनुसार 2012-13 में शहाबगंज ब्लॉक में रसिया गाँव में पंचायत भवन बना था। ब्लाक में सरकारी भवन बनाने वाली संस्था के तहत काम कराने वाले ठेकेदार ने एक व्यक्ति विशेष से सरकारी स्टाम्प पेपर पर दान पत्र लिखवाकर उसी जमीन पर पंचायत भवन बना दिया और कागज में हो गया कि रसिया गांव में सामुदायिक पंचायत भवन बन गया, लेकिन शुरू से ही यह अतिक्रमण की चपेट में रहा।
ग्राम पंचायत के प्रधान समय समय पर अतिक्रमण के हटाने को लेकर शिकायत करते रहे, लेकिन कोई भी कार्यवाही कभी भी नहीं किया गया। हद तो तब हो गयी जब प्रथम पंचायत भवन मंजिल पर अतिक्रमण करने वाले ने दुसरी मंजिल बनाना शुरू कर दिया। वर्तमान प्रधान की शिकायत को भी ब्लॉक के अधिकारियों ने अनसुना कर दिया।
अगर वहाँ की स्थिति देखें तो अभी हाल में ही क्षेत्र पंचायत नीधि से पंचम वित्त योजना से 2.74 लाख में पंचायत भवन तक जाने के लिए पुल का भी निर्माण कर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व शहाबगंज ब्लॉक प्रमुख और क्षेत्र पंचायत सदस्य बना कर उद्घाटन कर दिए तो उनको भी अतिक्रमण दिखाई दिया, लेकिन वे लोग भी मौन साधे रहे।
जब जिले व ब्लॉक के अधिकारियों के द्वारा अतिक्रमण के सवाल पर मौन तब मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर आईपीएफ के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने शिकायत कर पंचायत भवन से कब्जा को हटाने, अतिक्रमणकारी पर कार्रवाई करने व अतिक्रमण हटाने की मांग की। साथ ही मामले पर चुप्पी साधने वाले जिले व ब्लॉक अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग उठाया।
खण्ड विकास अधिकारी कहते हैं कि जहां पंचायत भवन हैं वह किसी की निजी जमीन हैं । वह भी केवल खतौनी के आधार कहते हैं, जबकि जमीन की स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारियों से कहना व जांच करना भी मुनासिब नहीं समझते हैं। देखना हैं कि अतिक्रमण के सवाल पर कब तक मौन रहते हैं।
जन सूचना के तहत बताना होगा कि रसिया में पंचायत भवन बना हैं कि नहीं.. पंचायत भवन बना हैं लेकिन खतौनी उसी दान देने वाले व्यक्ति का नाम है इसलिए हम उस व्यक्ति को सरकारी पैसे से बने पंचायत भवन से बेदखली नहीं कर सकते। तब रसिया गांव का पंचायत कहां हैं..? अभिलेख कहां रखा जाएगा..? पंचायत सेवक कहां से काम करेगा ..? तब रसिया गांव में सामुदायिक पंचायत भवन के लिए अलग से पैसा जारी किया जाना चाहिए।