कमीशन के खेल का असर, एक सप्ताह में उखड़ने लगी कर्मनाशा पुल के सड़क की गिट्टी
 

शहाबगंज ब्लॉक में  कर्मनाशा पुल को दोनों तरफ से जोड़ने के लिए बनायी गयी तारकोल की सड़क की गुणवत्ता इतनी खराब है कि एक सप्ताह बाद ही डामर उखड़ कर सड़क पर फैल गया है।
 

डबल इंजन की सरकार में काम की गुणवत्ता नहीं

जिले के अफसरों को केवल कमीशन से मतलब

काम के क्वालिटी पर केवल मीटिंग में होती है चर्चा

 ग्रामीणों बोले- कम से कम एक महीने तो चल जाए सड़क

 

चंदौली जिले के शहाबगंज ब्लॉक में  कर्मनाशा पुल को दोनों तरफ से जोड़ने के लिए बनायी गयी तारकोल की सड़क की गुणवत्ता इतनी खराब है कि एक सप्ताह बाद ही डामर उखड़ कर सड़क पर फैल गया है। जिसके कारण वाहन चालकों के फिसलने का खतरा बना हुआ है। वहीं ग्रामीण कार्य की गुणवत्ता देखकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बात कह रहे हैं।

बताया जा रहा है कि लाखों रुपए खर्च कर्मनाशा पुल को जोड़ने के लिए दोनों तरफ पक्की सड़क बनायी गयी थी, ताकि जिससे छोटे बड़े वाहनों के गुजरने में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। लेकिन सड़क निर्माण के कुछ दिनों के बाद ही  भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है, जिसके परिणाम स्वरूप तालकोल व गिट्टी सड़क पर फैल रही है। 

बताया जा रहा है कि इस सड़क का निर्माण एक सप्ताह पूर्व हुआ था। एक सप्ताह में उसकी गिट्टियां उखड़ कर सड़क पर फैलने लगी हैं। सड़क की पेंटिंग के दौरान  पीडब्ल्यूडी विभाग जेई के देखरेख में कार्य सम्पन्न हुआ था। उसके बाद भी तारकोल को बेतरतीब ढंग से डाला गया जिससे सड़क उखड़ने लगी है। 

 ग्रामीणों के अनुसार तारकोल व डामर मशीन से बिछाई गई थी। लेकिन रोलर का प्रयोग नाममात्र का किया गया, जिसका परिणाम है कि सही ढंग से दवाब नहीं बन पाया। हल्के वाहनों के गुजरने से ही गिट्टियां उखड़ने लगी हैं।  गिट्टी उखड़ने का आलम पुल के दोनों तरफ देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले के अधिकारी कमीशन लेकर केवल गुणवत्ता का निर्देश देते हैं। मौके पर देखने वाला कोई नहीं है।

हालांकि इस मामले में जेई सुचित पटेल ने बताया कि गिट्टी उखड़ने की जानकारी मिली है। उसकी जांच कराई जाएगी कि किस कारण से गिट्टियां उखड़ी हैं और मरम्मत भी करायी जाएगी।