9 दिवसीय रामकथा का दूसरा दिन, आस्था दूबे सुना रही हैं रामकथा
दूसरे दिन सुनायी रामजन्म की कथा
बाबा मुरलीधर खेल मैदान में चल रही है रामकथा
कथा वाचिका आस्था दूबे सुना रहीं हैं रामकथा
चंदौली जिले के शहाबगंज क्षेत्र के अमांव में कर्मनाशा नदी के तट पर बाबा मुरलीधर खेल मैदान में चल रहे नौ दिवसीय राम कथा के दूसरे दिन कथा वाचिका आस्था दूबे ने कथा के दौरान रामजन्म के बारे में कथा श्रवण कराया।
उन्होंने कहा कि महाराजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ किया। महाराज दशरथ ने श्यामकर्ण घोड़े को चतुरंगिनी सेना के साथ छुड़वाने का आदेश दिया। महाराज ने समस्त मनस्वी, तपस्वी, विद्वान ऋषि-मुनियों तथा वेदविज्ञ प्रकाण्ड पण्डितों को बुलावा भेजा। वो चाहते थे कि सभी यज्ञ में शामिल हों। यज्ञ का समय आने पर महाराज दशरथ सभी अभ्यागतों और अपने गुरु वशिष्ठ जी समेत अपने परम मित्र अंग देश के अधिपति लोभपाद के जामाता ऋंग ऋषि के साथ यज्ञ मण्डप में पधारे। फिर विधिवत यज्ञ शुभारंभ किया गया। यज्ञ की समाप्ति के बाद समस्त पण्डितों, ब्राह्मणों, ऋषियों आदि को यथोचित धन-धान्य, गौ आदि भेंट दी गई हैं,उन्हें सादर विदा किया गया।
यज्ञ के प्रसाद में बनी खीर को राजा दशरथ ने अपनी तीनों रानियों को दी। प्रसाद ग्रहण करने के परिणामस्वरूप तीनों रानियों गर्भवती हो गईं। सबसे पहले महाराज दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने एक पुत्र को जन्म दिया जो बेहद ही कान्तिवान, नील वर्ण और तेजोमय था। इस शिशु का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इस समय पुनर्वसु नक्षत्र में सूर्य, मंगल शनि, वृहस्पति तथा शुक्र अपने-अपने उच्च स्थानों में विराजित थे। साथ ही कर्क लग्न का उदय हुआ था। फिर शुभ नक्षत्रों में कैकेयी और सुमित्रा ने भी अपने-अपने पुत्रों को जन्म दिया। कैकेयी का एक और सुमित्रा के दोनों पुत्र बेहद तेजस्वी थे।
इस दौरान होसिला विश्वकर्मा, राजू चौहान, बजरंगी, विशाल पाठक, शैलेश पाठक, अमित, अजीत गुप्ता, धीरज यादव, होसिला यादव, शालिक चौहान उपस्थित रहे।