रवि प्रकाश चौबे के वोटों से तय होगी मीरा जायसवाल की हार-जीत, जानिए कैसे
 

सभासद का चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी ने रवि प्रकाश चौबे की दावेदारी पर कहा कि केवल भाजपा से किसी कारणवश नाराज ब्राह्मण मतदाता ही उनके साथ जाएगा। कांग्रेस के कितने लोग निर्दल उम्मीदवार को वोट देंगे यह को मतगणना के दिन पता चलेगा।
 

सपा में सेंध न लगी तो नहीं बचा पाएंगे जमानत

सपा के वोट काटे तो बढ़ेगी मीरा की भी मुश्किल

केवल ब्राह्मण वोटों के सहारे जीतना मुश्किल

ये है चौबेजी का दावा

चंदौली जिले के चकिया नगर पंचायत चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रवि प्रकाश चौबे जोर आजमाइश कर रहे हैं। 2012 में समाजवादी पार्टी के समर्थन से जब उनकी पत्नी चकिया नगर पंचायत के चेयरमैन बनी थीं, तब इनको उम्मीद थी कि आगामी चुनाव में उनको पार्टी अपना उम्मीदवार बनाएगी, लेकिन जब उनको पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में जोर आजमाइश करने के लिए उतर गए। कहा जा रहा है कि वह जितना सपा के वोट बैंक में सेंध लगाएंगे उतनी ही भाजपा की जीत पक्की होगी। 

हालांकि रवि प्रकाश चौबे का दावा है कि वह समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में जबरदस्त सेंध लगाएंगे, क्योंकि वह पार्टी के लोगों के साथ खूब काम किया है। साथ ही साथ उनको कांग्रेस पार्टी के लोग भी समर्थन दे रहे हैं। उनके साथ चुनाव प्रचार में ब्राह्मण बिरादरी का जनाधार है। इसीलिए उनके पक्ष में भी समीकरण बन रहे हैं। उनकी पत्नी के कार्यकाल में किए गए काम भी उनके वोट मांगने का आधार है। इन सब बातों को देखते हुए वह अपनी स्थिति मजबूत बताते हैं और दूसरे उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

 आपको बता दें कि चकिया नगर पंचायत में कुल मतदाताओं की संख्या 15 हजार से अधिक है, जिसमें ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 2 हजार से 3 हजार के बीच है। साथ ही उनको कुछ इलाकों में अन्य बिरादरी का भी वोट मिलेगा। कुछ वार्डों में वह अन्य दलों से लीड भी कर सकते हैं।

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सभासद का चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी ने रवि प्रकाश चौबे की दावेदारी पर कहा कि केवल भाजपा से किसी कारणवश नाराज ब्राह्मण मतदाता ही उनके साथ जाएगा। कांग्रेस के कितने लोग निर्दल उम्मीदवार को वोट देंगे यह को मतगणना के दिन पता चलेगा। हां अगर वो सपा के वोट कांटेंगे को मीरा जायसवाल को जरूर हरा देंगे और भाजपा की जीत आसानी से हो जाएगी।

एक वोटर ने कहा कि रवि प्रकाश चौबे कितने मजबूत उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने में सफल रहते हैं कितना उनको जनता स्वीकार करती है यह मतगणना के दिन क्लीयर हो जाएगा। अगर वह  समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंध न लगा पाए तो अपनी जमानत बचाने में असफल रहेंगे।

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इन सब बातों से अलग रवि प्रकाश चौबे का कहना है कि उन्हें नगर पंचायत का कार्यभार चलाने का अच्छा तरह से तजुर्बा है। वर्ष 2012 में उनकी पत्नी रीता चौबे चेयरमैन रह चुकी हैं, उनके प्रतिनिधि के रूप में में नगर पंचायत का सारा कार्य उन्होंने बखूबी निपटाया है। अबकी बार  भले ही वह निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उनको कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी का समर्थन है और मेरा हर वर्ग, हर जाति के लोगों में वोट है। जनता उनका भरपूर समर्थन कर रही है और उनको हर दलों से अच्छा वोट मिलने जा रहा है।