दिव्या ओझा ने चकिया में लिया चार्ज, बनीं तहसील की तीसरी महिला उपजिलाधिकारी
नवागत एसडीएम दिव्या ओझा ने चकिया का लिया चार्ज
कई जनपदों में रह चुकी है एसडीएम
जानिए कौन है दिव्या ओझा
चंदौली जिले के जिलाधिकारी ने शनिवार की देर रात जनपद के चार उप जिलाधिकारियों के कार्य क्षेत्र में बदलाव करते हुए तीन तहसीलों के उप जिलाधिकारी बदल दिए थे। पीडीडीयू नगर न्यायिक व चहानिया विकासखंड अधिकारी के रूप में काम कर रही श्रीमती दिव्या ओझा को चकिया एसडीएम नियुक्त किया गया, जबकि रविवार को एसडीएम दिव्या ओझा ने चकिया तहसील का चार्ज ले लिया। वह चकिया की तीसरी महिला उपजिलाधिकारी बनीं हैं। इसके पहले उर्मिला सोनकर और अनीता श्रीवास्तव महिला उपजिलाधिकारी के रूप में काम कर चुकी हैं।
आपको बता दें कि एसडीएम दिव्या ओझा मूल रूप से प्रतापगढ़ की रहने वाली हैं और दिव्या ओझा पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवाकांत ओझा की भतीजी है। एसडीएम पद पर मोहम्मदाबाद, सालोन, रायबरेली, सीतापुर एसडीम पद पर कार्य कर चुकी हैं।
चंदौली जनपद में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील की उपजिलाधिकारी न्यायिक व चहनियां विकासखंड के खंड विकास अधिकारी के रूप में काम कर रहीं थी। श्रीमती दिव्या ओझा को पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के न्यायिक उपजिलाधिकारी पद से हटाकर चकिया का नया उपजिलाधिकारी तैनात किया गया है।
उनके पास चकिया के उपजिलाधिकारी न्यायिक का भी अतिरिक्त प्रभार भी होगा। वहीं दिव्या ओझा ने चकिया तहसील पहुंचकर कार्यभार ग्रहण कर लिया।
सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ था वायरल
दिव्या ओझा को चंदौली सदर की अस्थाई कुछ दिन पहले एसडीएम बनाया गया था। संपूर्ण समाधान दिवस में एक बुजुर्ग अपनी समस्या को लेकर पहुंचे थे। बुजुर्ग की स्थिति को देखकर उप जिलाधिकारी दिव्या ओझा ने खुद अपनी कुर्सी छोड़ दी और उसके पास जा पहुंची। बुजुर्ग को पहले पड़कर कुर्सी पर बैठाया और उसकी वहीं पर समस्या सुनी, जिनका सोशल मीडिया पर वीडियो बहुत तेजी से वायरल हुआ।
चंदौली समाचार के संवाददाता से फोन से वार्ता के दौरान नवागत एसडीएम दिव्या ओझा ने बताया कि पीड़ित जनता को न्याय दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता है। जनता अपनी समस्या को लेकर कभी भी दफ्तर में मिल सकती है। काम में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन की प्राथमिकताओं का शत-प्रतिशत पालन कराना पहला कर्तव्य होगा। आम आदमी की समस्याओं का निस्तारण कराना व त्वरित न्याय पर ध्यान दिया जाएगा, पीड़ित के लिए हमारे दरवाजे सदैव खुले रहेंगे।