भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के शहादत दिवस पर गोष्ठी का हुआ आयोजन        

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत गांधीनगर में भगत सिंह पार्क में रविवार को शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के शहादत दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
 
Seminar on the martyrdom day

गांधीनगर में भगत सिंह पार्क में हुआ आयोजन

भगत सिंह विचार मंच ने किया था आयोजन

कामरेड श्याम बिहारी सिंह ने किया नमन

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत गांधीनगर में भगत सिंह पार्क में रविवार को शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के शहादत दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। भगत सिंह विचार मंच के तत्वावधान में आयोजित गोष्ठी में विभिन्न वामपंथी पार्टियों आईएनपीपी, सीपीआई एमएल, सीपीआई एम, सीपीआई ने संयुक्त रूप से भागीदारी निभाई। 


सर्वप्रथम शहीद ए आजम भगत सिंह के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। गोष्ठी में राष्ट्रीय सचिव कामरेड श्याम बिहारी सिंह ने कहा कि भगत सिंह ने अपनी मातृभूमि भारत को ब्रिटिश साम्राज्य के चंगुल से मुक्त कराने का बीड़ा उठाया था। उनके अंदर देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। उन्होंने महसूस किया कि केवल शांतिपूर्ण आंदोलन से ही अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। उनका मानना था कि क्रांति के बिना आजादी संभव नहीं है। देश की आजादी के लिए उन्होंने क्रांति की बिगुल फूंका और 23 मार्च 1931 को भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर लटका दिया था। इन तीनों क्रांतिकारियों ने केवल अपने बलिदान से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी बल्कि अपनी विचारों से युवाओं के दिल में देशभक्ति की अलख जगायी। लेकिन दुख इस बात का है कि देश को आजाद करने में न जाने कितने क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों को न्योछावर किया लेकिन आज देश आजाद रहते हुए भी चंद पूंजीपतियों के हाथों में गुलाम बनकर रह गया है। जिसे छुटकारा दिलाने के लिए अब आजादी की दूसरी लड़ाई लड़नी होगी।

Seminar on the martyrdom day
 गोष्ठी में वक्ताओं ने सही मायने में जनता का राज, राष्ट्रीय संपदा और आजीविका की सुरक्षा की गारंटी का भी मांग किया।

  इस दौरान डॉ मिश्रीलाल पासवान, रामअवध सिंह, डॉ गीता शुक्ला, शंभू नाथ यादव, अखिलेश दूबे, अनिल पासवान, भानु प्रताप, परमानंद, अजय राय, लालमनी सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। अध्यक्षता रामनिवास पांडेय ने संचालन लालजी ने किया।