शहाबगंज इलाके में सफाई के नाम पर सिर्फ 'झाड़-झंखाड़' की कटाई, केराडीह माइनर की सफाई में धांधली का आरोप
केराडीह माइनर की सिल्ट सफाई न होने से नाराज बड़गावा के किसानों ने विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है, जिससे टेल तक पानी पहुँचना नामुमकिन है।
केराडीह माइनर सफाई पर प्रदर्शन
सिंचाई विभाग के खिलाफ आक्रोश
सिल्ट सफाई न होने से नाराजगी
गेहूं की सिंचाई पर संकट
मानक के विपरीत सफाई कार्य
चंदौली जनपद अंतर्गत शहाबगंज विकासखंड में सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। लेफ्ट कर्मनाशा नहर से निकली केराडीह माइनर, जो पचवनिया से होकर बड़गावा और शिवपुर तक जाती है, उसकी सफाई में भारी अनियमितता का आरोप लगाते हुए किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। किसानों का कहना है कि वर्तमान में गेहूं की फसल की सिंचाई के लिए पानी की सख्त जरूरत है, लेकिन माइनर की सफाई जिस ढंग से की जा रही है, उससे अंतिम छोर (टेल) तक पानी पहुँचना लगभग असंभव है।
महज झाड़-झंखाड़ की सफाई तक सीमित है अभियान
बड़गावा गांव के दर्जनों किसानों ने माइनर पर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और विभाग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि ठेकेदार और विभाग के कर्मचारी मिलीभगत कर केवल ऊपरी तौर पर झाड़-झंखाड़ और घास की सफाई कर रहे हैं। माइनर के तल में भारी मात्रा में सिल्ट (मिट्टी) जमा है, जिसे निकाला जाना अनिवार्य है। सिल्ट सफाई न होने के कारण नहर की गहराई कम हो गई है, जिससे पानी का बहाव बाधित होगा। किसान महबूब आलम ने बताया कि ठेकेदार केवल कागजी खानापूर्ति कर बजट हड़पना चाहते हैं, जबकि धरातल पर सफाई शून्य है।
सिंचाई विभाग के जेई का पक्ष और भविष्य की योजना
किसानों के विरोध और आरोपों के बीच सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर (जेई) मुनिराज यादव ने विभाग का बचाव किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में शासन से जो धनराशि आवंटित की गई है, वह विशेष रूप से झाड़-झंखाड़ की सफाई और झाड़ियों को हटाने के लिए ही है। सिल्ट यानी माइनर की गहराई से मिट्टी निकालने का कार्य एक बड़ा प्रोजेक्ट होता है, जिसे गर्मी के मौसम में चलाने की योजना है। हालांकि, किसान इस तर्क से संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि यदि अभी सिल्ट नहीं निकाली गई, तो उनकी गेहूं की फसल पानी के अभाव में सूख जाएगी।
किसानों की चेतावनी और प्रशासन से मांग
प्रदर्शन के दौरान महबूब आलम, दशमी सिंह, जुबेर अहमद और विक्रम सहित कई किसानों ने एक सुर में कहा कि माइनर की जगह-जगह पर अतिक्रमण भी हो गया है, जिसे प्रशासन अनदेखा कर रहा है। किसानों ने जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि केराडीह माइनर की सिल्ट सफाई तत्काल सुनिश्चित की जाए ताकि रबी की फसल की सिंचाई सुचारू रूप से हो सके। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही मानक के अनुरूप कार्य शुरू नहीं हुआ, तो वे उग्र आंदोलन और चक्का जाम करने के लिए विवश होंगे।