अंधविश्वास का खूनी खेल: भूसीकृत पुरवा गांव में पट्टीदारों के बीच खूनी संघर्ष, तंत्र-मंत्र के शक में जमकर चले लाठी-डंडे
भूत-प्रेत के विवाद में खूनी संघर्ष
लाठी-डंडों से मारपीट में पांच घायल
भूसीकृत पुरवा गांव में मची अफरा-तफरी
दोनों पक्षों ने पुलिस को दी तहरीर
अंधविश्वास बना हिंसक झड़प का कारण
चंदौली जनपद अंतर्गत शहाबगंज थाना क्षेत्र में गुरुवार को अंधविश्वास की एक गहरी जड़ ने दो परिवारों के बीच खून-खराबा करा दिया। मामला भूसीकृत पुरवा गांव का है, जहाँ भूत-प्रेत के संदेह को लेकर दो पट्टीदारों के बीच तीखी बहस शुरू हुई। देखते ही देखते यह मामूली विवाद हिंसक रूप अख्तियार कर गया और दोनों पक्षों के लोग लाठी-डंडों के साथ एक-दूसरे पर टूट पड़े। इस हिंसक वारदात में दोनों तरफ से कुल पांच लोग लहूलुहान हो गए, जिससे पूरे गांव में कुछ समय के लिए दहशत और अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया।
घायलों का अस्पताल में इलाज और तनावपूर्ण स्थिति
प्राप्त विवरण के अनुसार, गांव निवासी मस्तु सोनकर और सूरज के परिवारों के बीच भूत-प्रेत और तंत्र-मंत्र के आरोपों को लेकर लंबे समय से खींचतान चल रही थी। गुरुवार को यह विवाद चरम पर पहुँच गया। मारपीट के दौरान प्रथम पक्ष से 63 वर्षीय मस्तु सोनकर, 25 वर्षीय विशाल और 50 वर्षीय राजेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं, दूसरे पक्ष से 25 वर्षीय सूरज और 30 वर्षीय रामचंद्र को भी चोटें आई हैं। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शहाबगंज ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने उनका उपचार शुरू किया। घायलों के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए हैं।
पुलिस ने शुरू की विधिक कार्यवाही
ग्रामीणों के हस्तक्षेप और पुलिस के मौके पर पहुँचने के बाद मामला शांत कराया जा सका। इस खूनी संघर्ष को लेकर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के विरुद्ध थाना शहाबगंज में लिखित तहरीर दी है। थाना प्रभारी अशोक कुमार मिश्र ने बताया कि पुलिस ने घटना का संज्ञान लेते हुए तहरीर प्राप्त कर ली है और मामले की गहनता से जांच की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शांति व्यवस्था को भंग करने वाले और मारपीट में शामिल दोषियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
समाज में अंधविश्वास के खतरों पर उठते सवाल
यह घटना आधुनिक समाज में आज भी व्याप्त अंधविश्वास के खतरों को रेखांकित करती है। भूत-प्रेत जैसे निराधार मुद्दों पर पट्टीदारों और पड़ोसियों का आपस में भिड़ना न केवल सामाजिक सौहार्द बिगाड़ रहा है, बल्कि कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती बन रहा है। फिलहाल, भूसीकृत पुरवा गांव में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन पुलिस एहतियात के तौर पर सतर्कता बरत रही है ताकि दोबारा कोई अप्रिय घटना न घटे। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के अंधविश्वास या अफवाहों पर ध्यान न दें और आपसी विवादों को बातचीत या कानूनी माध्यम से सुलझाएं।