भैंसही गांव में शिलापट्ट तोड़े जाने की घटना, प्रशासन से कार्रवाई की मांग
चकिया तहसील अंतर्गत ग्राम करेमुआ के टोला का मामला
क्षेत्र पंचायत सदस्य शीतल कुमार पटवा ने कराया था काम
विधायक व ब्लॉक प्रमुख के भी नाम थे दर्ज
चंदौली जिले की चकिया तहसील अंतर्गत ग्राम करेमुआ के टोला भैसही में हाल ही में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है, जिसमें कुछ शरारती तत्वों द्वारा विकास कार्यों से संबंधित शिलापट्ट को उखाड़कर फेंक दिया गया। यह शिलापट्ट क्षेत्र पंचायत सदस्य शीतल कुमार पटवा के प्रस्ताव पर कराए गए कार्यों का विवरण देने हेतु लगाया गया था, जिसमें दुर्गा माता मंदिर के टीनशेड निर्माण तथा चंद्रशेखर मानसरोवर स्थल पर हुए विकास कार्य सम्मिलित हैं।
इस शिलापट्ट पर जनप्रतिनिधियों के नाम जैसे चकिया विधायक माननीय कैलाश खरवार, चकिया ब्लॉक प्रमुख शंभूनाथ यादव तथा प्रस्तावक शीतल कुमार पटवा का नाम उल्लेखित था। यह पट्टिका न केवल कार्यों की पारदर्शिता का प्रतीक थी, बल्कि ग्रामीणों को यह जानकारी भी देती थी कि किसके प्रयासों से यह कार्य संपन्न हुए हैं। परंतु दुर्भाग्यवश गांव में मौजूद कुछ राजनीतिक विरोधियों एवं असामाजिक तत्वों ने निजी स्वार्थ और दुर्भावना के चलते इस शिलापट्ट को उखाड़कर सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान पहुंचाया।
यह कृत्य न केवल जनप्रतिनिधियों का अपमान है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और विकास के प्रति की गई कोशिशों पर भी सीधा प्रहार है। ग्रामवासियों में इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी व्याप्त है। ग्रामीणों का मानना है कि जो लोग विकास कार्यों का विरोध करते हैं, वे क्षेत्र की उन्नति में बाधक हैं और उन्हें चिन्हित कर प्रशासन द्वारा कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार की घृणित हरकत करने का दुस्साहस न कर सके।
प्रशासन से यह मांग की जाती है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, दोषियों की पहचान की जाए और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए। गांव के विकास में बाधा बनने वालों को रोकना और जनप्रतिनिधियों की गरिमा की रक्षा करना लोकतंत्र की बुनियादी आवश्यकता है।