कामरेड अतुल अनजान के आकस्मिक निधन पर शोक, वाम लोकतांत्रिक आंदोलन के लिए बहुत बड़ी क्षति
आज चकिया में हुई शोक सभा में सीपीआई के राज्य कार्य समिति सदस्य शुकदेव मिश्रा ने बताया कि कामरेड अतुल अनजान प्रोस्टेट कैंसर की गंभीर बीमारी से करीब छः माह से जूझ रहे थे और लखनऊ के अस्पताल में भर्ती थे। वे गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे तब भी उनके संघर्ष व हौसले में कोई कमी नहीं थी और समय समय-समय पर अस्पताल से ही हर संघर्षों में एक संदेश देते रहते थे। उन्होंने किसानों के आंदोलन को अभी अभी संदेश दिया था।
वहीं उनसे मिलने जो भी पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता, नेता व लोकतांत्रिक आंदोलन से जुड़े लोग जाते थे, तो उनको कहते थे इस बिमारी रूपी लड़ाई को जरूर हम जीत कर पुनः संघर्षों के मैदान में हम वापस आएंगे। आज उनके निधन की एकाएक जानकारी मिली हम सब लोग शोकाकुल हो गए। आज उनकी बहुत जरूरत थी। आईपीएफ नेता अपने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस आर दारापुरी के द्वारा जारी शोक संदेश को पढ़कर सुनाया।
घोसी (उत्तर प्रदेश) से अनेकानेक बार सदस्य लोकसभा हेतु प्रत्याशी सीपीआई से रहे हैं। भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव, लखनऊ विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक पूर्व अध्यक्ष, छात्र, किसान एवं श्रमिक वर्ग के अधिकारों एवं हितों के लिए सम्पूर्ण राष्ट्र में आन्दोलन निर्माण में उत्कृष्ट भूमिका निर्वहन करने वाले, शोषक शक्तियों के विरुद्ध अटल, अडिग एवं निडर योद्धा, प्रखर एवं ओजस्वी वक्ता, एवं कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के प्रेरणास्रोत कामरेड अतुल कुमार अंजान को खो दिया है। उनके निधन से परिजनों, दलीय नेताओं व कार्यकर्ताओं, समर्थकों एवं प्रशंसकों को इतना ताकत एवं सहनशक्ति प्रदान हो कि इस कठिन व दुखद घड़ी को सहन कर सकें। उनके निधन से राष्ट्र की वर्तमान स्थिति में छात्र, किसान एवं श्रमिक वर्ग आंदोलन के लिए एक बड़ी क्षति है। जिसकी पूर्ति निकट भविष्य में सम्भव नहीं है।
शोकसभा में आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय , सीपीआई राज्य कमेटी सदस्य शुकदेव मिश्रा ,खेत मजदूर यूनियन के जिला सचिव शिवमुरत राम ,गगलु राम , शहाबुद्दीन एडवोकेट सहित कई लोग शामिल रहे।