देश में लोकतंत्र खतरे में, संविधान को खत्म करने पर तुली है भाजपा सरकार
सैदूपुर में आज शहीदे आजम भगत सिंह को किया याद
पार्क गांधीनगर में भगत सिंह व साथियों को श्रद्धांजलि
कई नेता रहे मौजूद
चंदौली जिले के सैदूपुर में आज शहीदे आजम भगत सिंह पार्क गांधीनगर में भगत सिंह और उनके साथियों को नमन श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए विभिन्न वामपंथी, लोकतांत्रिक दलों व किसान संगठनों के वक्ताओं ने बोलते हुए कहा भाजपा द्बारा देश को फिर से गुलाम बनाने की कोशिश के खिलाफ और लोकतंत्र व संविधा की रक्षा की लड़ाई लड़कर ही शहीदे आजम भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है ।
उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह ने जन विरोधी ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट एंव पब्लिक सेफ्टी बिल के खिलाफ असेंबली में बम फेंक कर विरोध किया। आज हमारे देश की सरकारें ऐसे ही तमाम जनविरोधी कानून संसद में बना रही हैं। ये जन विरोधी कानून बहुसंख्यक आम जनता के हितों के विरूद्ध हैं और चंद बड़े पूंजी घरानों और बहुराष्ट्रीय वित्त निगमों के हितों को साधने वाले हैं। यह सरकार ने सभी लोकतान्त्रिक व संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर हमला कर रहीं हैं और धीरे - धीरे देश में तानाशाही लाद रहीं हैं ।
उन्होंने कहा कि देश की संसद कर्मचारी एंव शिक्षक विरोधी पीएफआरडीए कानून जैसी कई काले कानून बना चुकी है जो उनकी भविष्य निधि और पेंशन फंड को निजी हाथों में सौंपता है। इसी प्रकार व्यापारी विरोधी रिटेल में 100 प्रतिशत एफडीआई ला चुकी है । जो भविष्य में देश के व्यापारियों को बर्बाद करने का दस्तावेज है। इसी तरह से विदेशी चंदा कानून में संशोधन कर विदेशी कंपनियों से चंदा लेने का रास्ता साफ कर दिया गया है जो कि भविष्य में देश के हितों पर बहुत बुरी चोट करेगा, इसी प्रकार कई काले कानून को कैबिनेट पास कर चुकी है और मोदी सरकार ने किसान विरोधी काले कानून को पास कर दिया था। कई कानून आम जनता द्वारा बचाई गई पूंजी को भी लूटने का दस्तावेज है, श्रम कानूनों में बदलाव हो गया हैं और कुछ बदलाव भी आगे होंगे जो कि किसान और मजदूरों के हितों के खिलाफ हैं ।युवा हताश और निराश है क्योंकि उसे रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं ।
जो युवा सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए बुरी खबर है कि लाखों खाली पद समाप्त कर दिये गये हैं। देश के करोडों संविदा और निविदा कर्मचारियों के श्रम का शोषण हो रहा है माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मिनिमम वेतन चौबीस हजार तय किया जा चुका है लेकिन उसे लागू नहीं किया जा रहा है। भगत सिं और उनके साथियों ने ऐसे शोषण पर आधारित देश की आजादी का सपना तो नही देखा था। आज आम जनता देशवासियों को इन जनविरोधी और पूंजीपरस्त नीतियों के खिलाफ गोलबंद होने की जरूरत है और ऐसी जन विरोधी व्यवस्था एंव नीतियों को पलटने के लिये कमर कसने की जरूरत है।, यही भगत सिंह और उनके साथियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आज विदेशी पूंजी निवेशको के हस्तक्षेप के खिलाफ चौतरफा पहल पर जोर देने का समय है! शहीदेआजम भगत सिंह शहादत दिवस सभा की अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी रामनिवास पाण्डेय व संचालन लालजी सिंह ने किया ,सभा को माकपा जिला सचिव शम्भु नाथ यादव , आई पीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय , भाकपा माले जिला सचिव अनिल पासवान , अखिल भारतीय किसान सभा जिला अध्यक्ष परमानन्द कुशवाहा, किसान विकास मंच के संगठन मंत्री राम अवध सिंह , श्याम बिहारी सिंह ,राजेन्द्र यादव , सुदामा पाण्डेय , वसीम अहमद , लालचंद यादव , प्रियानंद पाण्डेय , दिनेश यादव,भगत सिंह विचार मंच के संयोजक मिश्री लाल पासवान , नंदलाल, भृगनाथ विश्वकर्मा , विदेशी वनवासी ने किया।