धान खरीद का सच : विधायक को बदनाम कर रहे डिप्टी RMO, ऐसे हो रही है मार्केटिंग के केन्द्रों पर खरीद

चंदौली जिले को धान का कटोरा कहा जाता है और धान के उत्पादन के बाद किसानों को हर साल धान की फसल को बेचने के लिए नाकों चने चबाने पड़ते हैं,
 

किसान ट्रैक्टर पर धान लाद कर परेशान

दलालों के जरिए सीधे मिल में गिर रहा धान

 केन्द्र पर लग जा रहा है अंगूठा का निशान

खेल में शामिल हैं कुछ किसान

दलाल और अफसर भी शामिल हैं श्रीमान्

इन 10 कारणों से परेशान हैं चंदौली के किसान, नेता-अफसर-किसान तीनों नहीं चाहते पूर्ण समाधान  भाग -1

इन 10 कारणों से परेशान हैं चंदौली के किसान, नेता-अफसर-किसान तीनों नहीं चाहते पूर्ण समाधान भाग- 2

यह है तीसरा पार्ट.....

चंदौली जिले को धान का कटोरा कहा जाता है और धान के उत्पादन के बाद किसानों को हर साल धान की फसल को बेचने के लिए नाकों चने चबाने पड़ते हैं, लेकिन दलाल किस्म के लोग और राइस मिलों के लिए काम करने वाले बिचौलिए अधिकारियों के साथ मिलकर किसानों के लिए हर साल मुश्किलें खड़ा कर रहे हैं। केंद्र पर अपना धन लादकर पहुंचा किसान अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ा आता है और परेशान होता है, जबकि राइस मिल में गिरे हुए धान को बिना नमी नापे और बिना झरना लगाये कमीशन के दम पर खरीद लिया जाता है और बाकायदा किसान आकर अधिकारी के कार्यालय में अपने नाम का अंगूठा लगा देते हैं।

किसानों का आरोप है कि इस पूरे खेल में चंदौली जनपद के उप विपणन अधिकारी और उनके कुछ खासमखास राइस मिलर और क्रय केंद्र के प्रभारी भी शामिल हैं। पहले यह केवल किसानों के बीच की चर्चा थी, लेकिन चंदौली समाचार की टीम ने इसका सत्यापन अपने आंखों से किया और जब इस पर जिले के उप विपणन अधिकारी से सवाल पूछा तो उन्होंने क्रय केन्द्रों पर जाकर अफसरों को परेशान करने वाली पत्रकारिता न करने की नसीहत दी और कहा कि जो कुछ क्रय केन्द्र पर हो रहा है वह विधायकजी को पता है...।

चोरी और सीनाजोरी कर रहे अफसर व दलाल

चंदौली समाचार की टीम ने विपणन विभाग द्वारा पूरे जिले में संचालित की जा रहे क्रय केंद्रों जाने के लिए दौरा किया तो राइस मिल में गिरे धान को क्रय केंद्रों के जरिए खपाने और अंगूठा लगाने का खेल सामने आने लगा है, हालांकि इस बात का पूरा ठीकरा चंदौली जनपद के उप विपणन अधिकारी सत्ता पक्ष के विधायकों के ऊपर छोड़ देते हैं और कहते हैं कि क्रय केंद्र पर जो कुछ भी हो रहा है। वह सब विधायकों के संज्ञान में है और उन्हें मालूम है कि जिले में क्या हो रहा है। झुनझुना लेकर क्रय केंद्रों पर दौड़ने वाले मीडिया के लोगों से वह डरने वाले नहीं हैं। एक अधिकारी का इस तरह से बात करना यह संदेश देता है कि जिले में करोड़ों के खेल में शामिल यह अफसर अपनी पोल खुलने से बौखला गया है। अगर ऐसे अफसरों का सरकार के द्वारा तत्काल इलाज नहीं किया गया तो यह चुनावी सीजन में सरकार की बदनामी कराने के साथ साथ भाजपा के राजनेताओं को भी भ्रष्टाचार में शामिल बताकर उनको हराने की पुरजोर कोशिश करेंगे।

कागज में दो केन्द्र मौके पर एक

चंदौली जिले के किसानों के साथ-साथ मार्केटिंग विभाग बड़ा खेल कर रहा है। जिले भर में 18 स्थानों पर कुल 36 केन्द्र चला रहा है। जहां पर हरेक केन्द्र पर दो-दो कांटे लगाकर एक साथ चार या कम से कम दो कांटे पर एक साथ दो किसानों के धान खरीदे जाने का काम किया जाना चाहिए। हर केन्द्र पर 500-600 कुंतल धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है और उसके हिसाब से कागज में खरीद भी हो रही है। बस खेल इस अंदाज में हो रहा है कि आंख से दिखने वाले एक कांटे पर किसान तो बाकी न दिखने वाले कांटे पर बिचौलिए व साहब के खासमखास लोग अपना धान बेंच रहे हैं। 

इस तरह की हेराफेरी को देखने वाले और सवाल पूछने वाले किसानों व किसान नेताओं को परेशान करने की धमकी देकर या तरह तरह के बहाने से परेशान करके अधिकारी चुप करवा दे रहे हैं। किसानों ने यह शिकायत चंदौली समाचार से की तो इस खेल का भंडाफोड़ करने का बीड़ा उठाया....

केस नंबर-1-- पांडेयपुर धान खरीद केन्द्र (सरने में संचालित)

भाजपा के समर्थक जय सिंह, पूर्व प्रधान हिनौती ने अपना धान बेचने के लिए कई बार केन्द्रों के चक्कर लगाए और धान नहीं बिका तो अपना धान मंडी समिति के गेट पर फूंकने की धमकी दे डाली। इसके बाद डिप्टी आरएमओ ने उनको मंडी समिति के बजाय पांडेयपुर में मार्केटिंग के चल रहे दो क्रय केन्द्रों पर धान बेचने के लिए भेजा। वहां भी नमी के बहाने उनको दौड़ाया गया। अफसरों के दबाव में धान ले भी लिया गया तो अंगूठा लगाने का काम अभी बाकी है। उन्होंने उस केन्द्र की हालत को देखकर बताया कि उस केन्द्र की हकीकत क्या है और कैसे मिलरों व बिचौलियों के जरिए का धान खरीद कर किसानों को खून के आंसू रुलाने का काम किया जा रहा है। 

जय सिंह की शिकायत पर गुरूवार को चंदौली समाचार के एडिटर विजय तिवारी ने केन्द्र पर जांच पड़ताल की तो पता कि केन्द्र का प्रभारी गायब था और मुंशी कुछ बताने को तैयार नहीं था..कब कहां-कैसे किसकी खरीद हो रही है..इसका कोई लेखा जोखा नहीं था। जब प्रभारी से बात की गयी तो केन्द्र के प्रभारी अलग से मिलने और परेशान न करने की बात कहने लगे। 

केस नंबर- दो--सैयदराजा धान खरीद केन्द्र

चंदौली समाचार की टीम शुक्रवार को जब मार्केटिंग विभाग के द्वारा संचालित धान खरीद केन्द्र सैयदराजा से पर पहुंची तो वहां पर केवल एक केन्द्र और दो धान तौलने की मशीन दिखी, जिसमें केवल एक काम कर रही थी और दूसरी काम नहीं कर रही थी। इस दौरान केवल एक किसान का धान झरने में गिराकर साफ किया जा रहा था और बारे में तौल कर भरने का काम किया जा रहा था। मौके पर किसान के धान में नमी की मात्रा मानक से कम थी इसके बावजूद भी किसान से एक बोरे में 41 किलो 600 ग्राम धान लिया जा रहा था। हर बोरे में अधिक धान लेने का कारण बोरे का वजन बताया गया। इसके बाद तत्काल बोरे का भी वजन कराया गया जिसमें बोरा 500-600 ग्राम के बीच का निकला। लेकिन हर बोरे में एक किलो धान अधिक लेने की कहानी न तो केन्द्र प्रभारी बता पाए न ही उनकी दलील किसान के समझ में आयी, लेकिन हर बोरे में एक किलो धान अधिक लेने व कुल कैलकुलेशन करने के बाद किसान ने हेराफेरी की बात स्वीकार कर ली। इसके बावजूद वह शिकायत करने का साहस इसलिए नहीं जुटा पाया कि धान खरीद करने के बाद अंगूठा लगाने व पैसे दिलवाने में परेशान करने लगेंगे।

इसी समय चंदौली समाचार के एडिटर विजय तिवारी ने यह मामला डिप्टी आरएमओ के संज्ञान में लाया और सवाल पूछा कि इस केन्द्र पर शिकायत के बाद विधायक सुशील सिंह ने सब कुछ ठीक करने के लिए कहा था तो गड़बड़ी कैसे हो रही है..तो वह कहने लगे कि यहां जो कुछ हो रहा है वह विधायकजी को पता है..और फोन काट दिया।

अब आप जानिए कि इस केन्द्र पर क्या हो रहा है....

इस केन्द्र के एक कांटे पर धान की किसान से खरीद हो रही है वहीं कागज पर चलने वाले दूसरे केन्द्र के नाम पर राइस मिलों में गिरे धान का अंगूठा लगवा कर दलालों के जरिए भुगतान कराया जा रहा है। यह पूरा खेल खुद केन्द्र प्रभारी करवा रहे हैं और अपनी किसानों को खुश करने वाली कार्यशैली की वाहवाही करवा रहे हैं। केन्द्र के प्रभारी के कार्यालय में दोपहर तीन बजे के आसपास का नजारा ऐसा ही था, जहां पर अंगूठा लगाने वालों की भरमार थी। 

वहां पर मौजूद एक किसान ने कहा कि उनको जाड़ा लगती है इसीलिए बिचौलियों के जरिए राइस मिल में धान गिराकर अंगूठा लगाने के लिए आ जाते हैं। कौन ट्रैक्टर पर धान लादकर क्रय केन्द्र पर चक्कर लगाएगा... साहब हम लोगों का बड़ा ध्यान रखते हैं। यहां कोई पत्रकारिता मत करिए। हमारे यहां खरीद बहुत अच्छे से हो रही है। जिसको जाड़ा न लगती हो वह जाकर धान खरीद केन्द्र पर लाइन व टोकन लगाए। हम लोगों के लिए ऐसी खरीद व ऐसा नियम ही ठीक है। यह सब कहानी केन्द्र प्रभारी (एसएमआई महोदय) के सामने की है, जिस पर वह प्रफुल्लित नजर आ रहे थे, जैसे उनको भारत-रत्न मिल रहा हो।

चंदौली समाचार ने इन क्रय केन्द्रों की हकीकत व किसानों का दर्द सैयदराजा सुशील सिंह और मुगलसराय की विधायक साधना सिंह के साथ साथ भाजपा के जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह भी को बता दिया है और अधिकारियों की कार्यशैली भी बता दी है। आचार संहिता में जिले के अफसर क्या-क्या कर रहे हैं। 

इस पर सुशील सिंह ने उप विपणन अधिकारी के द्वारा मार्केटिंग विभाग के सारे केन्द्र चेक कराने व उनकी शिकायत मुख्यमंत्री से करने की बात कही है। साथ ही यह कहा कि जिले में कई सालों से टिके ऐसे अफसरों की वजह से सरकार व विधायकों की बदनामी हो रही है। सरकार बनते ही इनको सबक सिखाया जाएगा। वहीं साधना सिंह ने डिप्टी आरएमओ को फोन मिलाकर पांडेयपुर में संचालित केन्द्र के बारे में सच्चाई जानने की कोशिश तो उनका फोन बंद बता रहा था।  

अगर यह वाकई अच्छी खरीद का नमूना है तो अच्छी बात है...इसी प्रणाली को हर जगह लागू किया जाना चाहिए..अगर गलत है तो अधिकारियों व राजनेताओं के बयान का इंतजार रहेगा।

नोट....... कल आपको बताएंगे बरहनी ब्लाक के परेवां गांव शानदार तरीके से चल रहे क्रय केन्द्र की कहानी