शिक्षक संघ ने विधायक की मांग को नकारा, बोले- चंदौली के नाम से छेड़छाड़ मंजूर नहीं
चंदौली का नाम वाराणसी गंगापार करने पर आपत्ति
पहले जिले की खराब व बदहाल व्यवस्थाओं को बदलवाएं विधायक
वाहवाही और मीडिया में बने रहने के लिए न दें बयान
चंदौली जिले का नाम बदल कर वाराणसी गंगापार करने की मांग पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने कड़ा ऐतराज किया है और कहा है कि जिले की खराब व बदहाल व्यवस्थाओं को बदलने की कोशिश करने के बजाय विधायक जी नाम बदलवाकर जबरन सुर्खियों में रहना चाहते हैं। विधायक को जिले की मूल समस्याओं को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला संयोजक सत्य मूर्ति ओझा, जिला अध्यक्ष महताब अहमद, जिला मंत्री रजनीश ने संयुक्त रूप से कहा कि चंदौली जनपद का नाम बदलने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है। चंदौली जिला धान का कटोरा के नाम से पूरे देश में विख्यात है। यहां की भूमि बाबा कीनाराम जी की तपोस्थली, पंडित कमलापति जी की कर्मभूमि के बड़े कारण के साथ रक्षा मंत्री माननीय राजनाथ सिंह की जन्मभूमि और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की निर्वाण भूमि के रूप में जानी जाती है। ऐसे बहुत से कारक हैं जो चंदौली के नाम को स्थापित करते हैं।
अगर माननीय विधायक झूठी वाहवाही व अपने नेताओं की खुशामद करने के चक्कर में जनभावनाओं के विरुद्ध नाम बदलने का राग अलाप रहे हैं तो उनको चंदौली की जनता जवाब देगी। अपने द्वारा की गई मांग पर माननीय विधायक को पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। वहीं सरकार के मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश से मांग है कि चंदौली को चंदौली नाम ही रहने दें।
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अन्य वक्ताओं में सत्येंद्र सिंह, अजीत सिंह, सुरेंद्र सिंह यादव, प्रमोद पांडेय, शशिधर सिंह, अनिलेस तिवारी, सत्येंद्र गुप्ता, आशुतोष त्रिपाठी उपस्थित रहे।