पेपर लीक कांड के बाद का DRM  ऑफिस में दिखा असर, कार्यालय में सन्नाटा लेकिन कर्मियों में दहशत

डीआरएम कार्यालय से मंगलवार को दो मंडल स्तरीय अधिकारियों समेत 26 रेलकर्मियों की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को कार्यालय तो खुला रहा और काम भी हुआ, परंतु कर्मचारियों के बीच पूरे दिन पेपर लीक के मसले पर दबी जुबान चर्चा होती रही।DRM Office
 
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डीआरएम कार्यालय में कर्मी दबी जुबान करते रहे पेपर लीक मामले की चर्चा

सीनियर डीईई और अन्य अधिकारियों के दफ्तरों पर ताले

26 रेलकर्मियों की गिरफ्तारी के बाद कार्यालय में खौफ का माहौल

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में डीआरएम कार्यालय से मंगलवार को दो मंडल स्तरीय अधिकारियों समेत 26 रेलकर्मियों की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को कार्यालय तो खुला रहा और काम भी हुआ, परंतु कर्मचारियों के बीच पूरे दिन पेपर लीक के मसले पर दबी जुबान चर्चा होती रही।

आपको बता दें कि डीआरएम कार्यालय आने-जाने वालों पर भी सभी की सतर्क निगाह रही। कर्मचारियों में भय का माहौल रहा। मंगलवार की रात सीबीआई ने रेलवे के विभागीय परीक्षा में पेपर लीक के मामले का भंडाफोड़ किया। इस मामले में सीबीआई ने सीनियर डीईई (ऑपरेशन) के साथ ही आठ अधिकारी और 17 लोको पायलट समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया।

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विभागीय परीक्षा में बैठने वाले लोको पायलट अभ्यर्थियों के पास से हस्तलिखित प्रश्नपत्र की फोटो कापी बरामद की। छापे के दौरान 1.17 करोड़ रुपये नकद भी बरामद हुए। मंगलवार को डीआरएम कार्यालय में अधिकारियों से पूछताछ होती रही। दिन में तीन बजे सभी 26 लोगों को सीबीआई लखनऊ ले गई।

उधर, बुधवार को डीआरएम कार्यालय अपने निर्धारित समय पर खुला। लेकिन सभी मंगलवार को हुई कई लोगों की गिरफ्तारी से आशंकित दिखे। कार्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर मुख्य गेट के पास वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी (सीनियर डीपीओ) का कार्यालय है। बगल में सहायक मंडल कार्मिक अधिकारी आदि का भी कार्यालय है।

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सीनियर डीपीओ कार्यालय के अंदर ही चीफ ओएस भी बैठते हैं। दोनों को सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है। सीनियर डीपीओ कार्यालय के अंदर ही गोपनीय कक्ष है। बुधवार को सीनियर डीपीओ और ओएस नहीं रहे, लेकिन गोपनीय कक्ष में काम होता रहा। हालांकि दोपहर एक बजे जहां हमेशा चहल-पहल रहती थी, वहां भीड़ बिल्कुल नहीं थी।

मंडल कार्यालय के दूसरे तल पर सीनियर डीईई सुशांत परासर का कार्यालय है। बगल में अन्य अधिकारियों के कार्यालय हैं। सुशांत की गैरमौजूदगी में उनके कार्यालय पर ताला लगा था। अन्य कार्यालयों में भी अधिकारी गायब रहे।