कक्षा एक और दो से कम होगा पढ़ाई का बोझ, संस्कृत की पढ़ाई बंद
 

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों को पढ़ाया जाना है। उस किताब को उत्तर प्रदेश के परिवेश के अनुसार बदला गया है।
 

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का नया प्लान

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नयी तैयारी

अब कक्षा 3 से पढ़ाई जाएगी संस्कृत

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कक्षा एक और दो से संस्कृत विषय हो हटाने की तैयारी है, ताकि बच्चों पर से अनावश्यक बोझ कम किया जा सके। अब संस्कृत की पढ़ाई को कक्षा तीन से कराने का प्लान बनाया जा रहा है। कक्षा एक और दो के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए नई किताबें तैयार कर दी गई हैं। किताबों की छपाई का काम चल रहा है। अगले महीने तक किताबें बच्चों को मुहैया करा दी जाएंगी।

आपको बता दें कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अब किताबों में बदलाव किया जा रहा है। इस वर्ष कक्षा एक और दो की किताबों में बदलाव किया गया है। पहले कक्षा एक और दो में कलरव किताब होती थी। एक ही किताब में हिंदी, अंग्रेजी, गणित और संस्कृत विषय की सामग्री होती थी। इससे बच्चे पर किताब का बोझ नहीं होता था और उसे तीन भाषाओं और गणित का ज्ञान कराया जाता था।

बताते चलें कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों को पढ़ाया जाना है। उस किताब को उत्तर प्रदेश के परिवेश के अनुसार बदला गया है। अब हिंदी, अंग्रेजी और गणित समेत कुल तीन किताबें हो गई हैं, जबकि संस्कृत को हटा दिया गया है। हिंदी की पुस्तक का नाम तारंगी रखा गया है। इसमें अधिकतर अध्याय एनसीईआरटी के है।

इसमें से दक्षिण भारत और उत्तर पूर्व से जुड़े अध्याय हटाकर प्रदेश के परिवेश के वाले पाठ जोड़े गए हैं। कुछ कविताओं के पाठ बढ़ाए गए हैं।