108, 102 के ईएमटी व पायलट समेत चार एंबुलेंस कर्मी हुए बर्खास्त, नवजात की मौत पर एक्शन
डीएम ने दिया जीवीके कंपनी के प्रतिनिधि को दी हिदायत
एंबुलेंस के इंतजार में बच्ची ने मां की गोद में ही तोड़ दिया था दम
खराब गाड़ी व तेल न होने की भी कही जा रही है बात
चंदौली जिले के नौगढ़ इलाके में 108 और 102 एंबुलेंस सेवा में तैनात दो ईएमटी और दो चालकों को सेवा प्रदाता कम्पनी ने बर्खास्त कर दिया है। इससे एंबुलेंस कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है। यह कार्रवाई नौगढ़ में एक मरीज को आईडी मिलने के बाद भी नवजात शिशु को जिला हॉस्पिटल ना ले जाने के मामले में हुई लापरवाही के बाद हुयी है।
मामले को डीएम ने निखिल टीकाराम फुंडे ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने जीवीके कंपनी के प्रतिनिधि को हिदायत दिया है कि भविष्य में समस्त एंबुलेंस संचालन की व्यवस्थाएं सही हालत में रखें। एंबुलेंस की जरूरत जीवन रक्षा से संबंधित होती है, इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। यहां सीएचसी पर 108 और 102 एंबुलेंस सेवा में वरुण पांडे और विनोद पाल पायलट तथा संदीप पाल और नीरज पांडे ईएमटी के पद पर तैनात थे।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ अवधेश पटेल ने बताया कि 27 जून को रात में कस्बा नौगढ़ की रेशमा केशरी का स्टाफ नर्स ने नॉर्मल प्रसव कराया गया और कुछ समय बाद नवजात बच्ची की धड़कनें तेज हो होने पर डॉ चंद्रा ने जिला हॉस्पिटल के लिए रेफर किया। परिवार के लोगों ने 108 और 102 एंबुलेंस को फोन किया, आईडी मिलने के बाद भी दोनों एंबुलेंस के कर्मियों ने नवजात को जिला हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया। इसकी जांच में पुष्टि होने पर चार कर्मचारियों को जीवी सेवा प्रदाता कंपनी ने बर्खास्त कर दिया है।
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इस मामले में पीड़ित परिवार की थाने में तहरीर पर एंबुलेंस चालकों ने थाना प्रभारी अतुल प्रजापति को बताया था कि एंबुलेंस में तेल नहीं था और गाड़ी में कुछ खराबी थी। इसके चलते उसने मरीज ले जाने से मना किया। वहीं मामले में सफाई देते हुए जिला प्रबंधक आशीष सिंह ने बताया कि मरीज के साथ लापरवाही बरतने के मामले में दो ईएमटी और एंबुलेंस के दोनों पायलट बर्खास्त कर दिए गए हैं।