जानिए कौन हैं बसपा के प्रत्याशी, कैसे मिला टिकट और किससे मान रहे हैं अपनी टक्कर
वाराणसी से चंदौली जिले में लड़ने आए हैं चुनाव
इन मुद्दों पर लड़ेंगे अपना चुनाव
इन वजहों से कर रहे हैं जीत का दावा
जानकारी में बताया जा रहा है कि सत्येंद्र कुमार मौर्य कृषि कार्य के अलावा कंस्ट्रक्शन और जमीन के कारोबार से जुड़े हुए हैं। इनके बारे में बताया जाता है कि इनका एक बेटा इंजीनियर है तथा एक बेटी डॉक्टर है।
बसपा सुप्रीमो ने सतेन्द्र कुमार मौर्य को प्रत्याशी घोषित कर दिया है जो की वाराणसी जिले के अजगरा विधान सभा गोसाईपुर मोहाव के रहने हैं इनकी शिक्षा इंटर पास है जो कि क्वींस कॉलेज वाराणसी से है इनका पेशा प्रापर्टी डीलर का है। उनसे बात करने पर पता चला कि उनके दादा 22 वर्ष तक गोसाईपुर मुहाव के ग्राम प्रधान और चाची 5 वर्ष तक प्रधान रही थी।
ये 1993 में सैदपुर विधान सभा से निर्दल चुनाव लडे थे। उसके बाद 1995 में बसपा ज्वाइन किया और 2007 से 2009 तक मौर्य समाज के भाईचारा के जिला संयोजक रहे है। अपने सेक्टर के प्रभारी और बूथ प्रभारी रहे भी रह चुके हैं। 2010 से अब तक कार्यकता के रुप मे कार्य किया है।
बसपा के एक नेता के काफी करीबी होने के कारण वह लोकसभा का टिकट पाने में सफल रहे हैं। वह चंदौली की धरती को अपनी कर्मभूमि बनाना चाह रहे हैं।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सत्येंद्र कुमार मौर्य ने कहा कि चंदौली संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी मुखिया बहन कुमारी मायावती ने जो मौका दिया है, उसके लिए बसपा कार्यकर्ता होने के नाते वह बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं।
सत्येंद्र कुमार मौर्य ने कहा कि चंदौली जिला बहन कुमारी मायावती द्वारा बनाया गया जिला है। उसे समाजवादी और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने विकास से दूर रखा है। इसलिए वह सांसद चुने जाने के बाद चंदौली जिले को बहन कुमारी मायावती के सपने के अनुसार विकसित करने की कोशिश करेंगे।
समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों से टक्कर के बारे में उन्होंने कहा कि कोई भी प्रत्याशी उनकी टक्कर में नहीं है। 10 साल से चंदौली जनपद का प्रतिनिधित्व कर रहे डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय ने चंदौली जिले में लोगों को रोजगार देने के लिए कोई भी उद्योग नहीं लगवाया और ना ही कोई ऐसा बड़ा विकास का काम किया। इसलिए जनता उनको अबकी बार नकार देगी।
सत्येंद्र कुमार मौर्य का कहना है कि वे महंगाई, भ्रष्टाचार, रोजगार और पिछड़े तथा गरीब वर्ग के कल्याण के मुद्दे पर यह लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि जनता उन्हें पूरा सहयोग और समर्थन देगी।