चंदौली में नहर का तटबंध टूटा, 250 एकड़ फसल डूबने के बाद किसानों का चक्का जाम

शुक्रवार रात विभागीय कर्मियों द्वारा नहर में जरूरत से ज्यादा पानी छोड़ा गया था, जिससे शनिवार तड़के औद्योगिक क्षेत्र फेज-2 के पास पानी ओवरफ्लो हो गया और गोधना गांव के पास कमजोर तटबंध टूट गया।
 

नहर के टूटने से गोधना गांव में मची अफरा-तफरी

फसल डूबने के बाद किसानों का चक्काजाम

नरायनपुर पंप कैनाल से ओवरफ्लो हुआ पानी

अधिशासी अभियंता रवि मिश्रा दे रहे हैं आश्वासन

चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत गोधना गांव के पास शनिवार सुबह नरायनपुर पंप कैनाल की मुख्य नहर का तटबंध टूट गया। इस हादसे से लगभग 250 एकड़ खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह जलमग्न हो गई। खेतों से बढ़ता पानी अब ग्रामीण बस्तियों तक पहुंच गया, जिससे ग्रामीणों और किसानों में भारी आक्रोश फैल गया।

तटबंध की जर्जर स्थिति बनी हादसे की वजह 
ग्रामीणों के अनुसार तटबंध की हालत पहले से ही जर्जर थी और इसकी मरम्मत के लिए कई बार अनुरोध किया गया था। बावजूद इसके, सिंचाई विभाग की अनदेखी के चलते यह बड़ा हादसा हो गया। शुक्रवार रात विभागीय कर्मियों द्वारा नहर में जरूरत से ज्यादा पानी छोड़ा गया था, जिससे शनिवार तड़के औद्योगिक क्षेत्र फेज-2 के पास पानी ओवरफ्लो हो गया और गोधना गांव के पास कमजोर तटबंध टूट गया।

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किसानों का फूटा गुस्सा, सड़क पर किया चक्काजाम 
खेतों में खड़ी धान और अन्य फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। गुस्साए किसानों ने सड़क पर चक्काजाम कर दिया और तत्काल मुआवजे की मांग की। एक पीड़ित किसान ने बताया कि, “हमने रात में ही अधिकारियों को जलस्तर बढ़ने की जानकारी दी थी, लेकिन कोई नहीं आया। अब हमारी मेहनत और फसल दोनों बर्बाद हो गई।” 
एक महिला किसान ने बताया कि उनके खेत में तैयार धान पूरी तरह डूब गया और अब जीवन यापन संकट में है।

प्रशासन मौके पर, मरम्मत कार्य जारी
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक और सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों को शांत कराने का प्रयास किया। अधिशासी अभियंता रवि मिश्रा ने बताया कि विभागीय टीम मौके पर पहुंच चुकी है। तुरंत सभी पंप बंद कर दिए गए हैं और तटबंध की मरम्मत तेजी से की जा रही है ताकि जलस्तर नियंत्रित किया जा सके और आगे नुकसान रोका जा सके।

मुआवजा नहीं मिला तो होगा आंदोलन 
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया, तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं और अब देखना होगा कि नुकसान की भरपाई के लिए सरकार क्या कदम उठाती है।