लेखपाल विभा त्रिपाठी बोलीं- विभाग के लोग कर रहे हैं बदनाम, मेरे ऊपर कोई जांच नहीं
 

पंडित दीनदयाल उपाध्याय तहसील के सहजौर में तैनात लेखपाल बारे में हो रही चर्चा के संबंध में लेखपाल श्रीमती विभा त्रिपाठी ने चंदौली समाचार से बात करते हुए कहा कि उनके बारे में फैलायी जा रही अफवाह गलत है और सारे आरोप निराधार हैं।
 

तहसीलदार ने विभा त्रिपाठी को दी क्लीन चिट

सारे आरोपों को बता दिया निराधार

अब सहजौर के लेखपाल के रूप में करेंगी काम
 

चंदौली जिले की पंडित दीनदयाल उपाध्याय तहसील के सहजौर में तैनात लेखपाल बारे में हो रही चर्चा के संबंध में लेखपाल श्रीमती विभा त्रिपाठी ने चंदौली समाचार से बात करते हुए कहा कि उनके बारे में फैलायी जा रही अफवाह गलत है और सारे आरोप निराधार हैं। विभा त्रिपाठी ने गोधना से सहजौर भेजे जाने और छुट्टी पर जाकर वापस आने तक के मामले की पूरी कहानी बतायी।

विभा त्रिपाठी ने कहा कि जब वह गोधना से सहजौर में तैनात की गई थीं, तो वह 15 मार्च 2024 कार्यभार ग्रहण कर लगभग एक महीने तक वहां कार्य भी की। लेकिन उनकी बच्ची का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वाले अवकाश पर चली गयीं, जिसके कारण वह 10 अप्रैल 2024 से 8 जुलाई 2024 तक मेडिकल लीव पर थीं।
 

 

विभा त्रिपाठी ने कहा कि इसके बाद जब 9 जुलाई 2024 को अपनी योगदान आख्या तहसीलदार सतीश कुमार के समक्ष दी तो उसमें उनके द्वारा लेखपाल क्षेत्र सहजौर ही दिखाया गया है। इसी के बाद 9 जुलाई 2024 को डाक संख्या 951  की माध्यम से तहसीलदार साहब द्वारा उनका तबादला सहजौर से सरने कर दिया और उसके पीछे शासकीय एवं जनहित के कार्यों का हवाला दिया। इसके साथ ही साथ कुछ कार्य कार्यालय के भी करने को कहा।


इतना ही नहीं 10 जुलाई 2024 को डाक संख्या 250 के माध्यम से तहसीलदार महोदय ने आइजीआरएस का भी कार्य निष्पादित करने के लिए उनको आदेशित कर दिया है, जिसको वह जिम्मेदारी से कर रही हैं। 


विभा त्रिपाठी ने खुले तौर पर कहा कि आज तक मेरे पर किसी भी प्रकार की कोई विभागीय कार्यवाही नहीं की गई है। इतना ही नहीं जिले में अपनी तैनाती के दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पीपी मीणा द्वारा विशेष प्रविष्टि भी मिली है, जो उनके अच्छे काम का प्रमाण है। उनके ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे सारे मनगढ़ंत और निराधार हैं।


विभा त्रिपाठी ने कहा कि विभाग के कुछ लोग उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और उनको परेशान करने की नीयत से ऐसा काम कर रहे हैं। सरने या गोधना गांव में अवैध प्लाटिंग कराने तथा उसमें संलिप्त होने की ऐसी कोई बात नहीं है। सारी बातें अफवाह हैं। सरने गांव का पूरी तरह ग्रामीण एरिया का है, वहां कोई प्लाटिंग नहीं होती है। न ही मेरे ऊपर कोई जांच चल रही है। यदि कोई मेरे ऊपर आरोप लगा है तो उसे उच्चधिकारियों के द्वारा मुझे अवगत भी कराना चाहिए।

तहसीलदार को निरस्त करना पड़ा विभा त्रिपाठी का आदेश
इस संबंध में जब पीडीडीयू नगर के तहसीलदार सतीश कुमार से वार्ता हुई उन्होंने बताया कि ऐसी कोई जांच लेखपाल श्रीमती विभा तिवारी के खिलाफ नहीं चल रही है। रही बात उनकी तैनाती की तो सरने गांव में जनहित के कार्यों को देखते हुए तैनात किया गया थास लेकिन बाद में उस आदेश को रद्द कर दिया गया है। 


ऐसा कहा जा रहा है कि तहसील के उप जिलाधिकारी द्वारा अप्रूवल ना मिलने के कारण  इस आदेश को वापस ले लिया गया है। अब देखना है कि विभा त्रिपाठी के ऊपर आरोप लगाने वाले अब किस तरह का नया पैंतरा इस्तेमाल करते हैं।