चंदौली समाचार के पास है बिना स्कूल गए सैलरी लेने वाले शिक्षकों की सूची, आप भी देखें
नौगढ़ में एबीएसए के संरक्षण में चल रहा खेल
हर महीने ली जाती है मोटी रकम
मंत्री से शिकायत के बाद नहीं बदले हालात
अब की जा रही है मामले में लीपापोती
चंदौली जिले में नौगढ़ में सभी लोग मौज करने जाते हैं, लेकिन कुछ सरकारी विभागों द्वारा यदि अपने कर्मचारियों को पनिशमेंट देना होता है, तो वह विभाग अपने कर्मचारियों की नौगढ़ में पोस्टिंग कर देता है। ऐसे माहौल में बेसिक शिक्षा विभाग एक ऐसा विभाग है, जहां के अध्यापकों के लिए नौगढ़ पोस्टिंग होना एक खास सुविधा मानी जाती है। उनके लिए एक अवसर होता है ताकि उनको बिना काम के पूरा वेतन मिल सके।
कहा जा रहा है कि कुछ अध्यापक तो जानबूझकर अपनी पोस्टिंग नौगढ़ इलाके में कराने में जुटे हुए रहते हैं, ताकि उन्हें नौकरी न करनी पड़े और घर बैठे तनख्वाह लेने की छूट मिल जाए। हालांकि चंदौली समाचार की खबर के बाद इन पर नकेल कसने की बात कही जा रही है।
ऐसा ही मामला उस समय प्रकाश में आया था, जब अध्यापक अपने तैनाती स्थल के विद्यालय पर नौकरी करने के बजाय घर में आराम करते हैं या किसी साइड बिजनेस में काम करते देखे जाते हैं। ऐसे अध्यापकों की एक सूची प्रदेश के बेसिक शिक्षामंत्री संदीप सिंह के पास शिकायत के रूप में पहुंची तो विभाग में हड़कम्प सी मच गई और मामले में जांच व कार्रवाई की नौटंकी शुरू हो गई।
एबीएसए लेते थे मोटी रकम
बता दें कि नौगढ़ ब्लॉक के शिक्षकों के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए बकायदे शिकायती पत्र में लिखा गया कि उस समय तैनात खंड शिक्षा अधिकारी नागेंद्र सरोज द्वारा ब्लॉक में नियुक्त लगभग 18 से 20 शिक्षकों से मोटी रकम हर महीने वसूली जाती थी और उनको विद्यालय न आने के बावजूद घर बैठे पूरी तनख्वाह लेने में सहयोग प्रदान किया जाता था रहा है। ऐसे सभी लोगों से अच्छी खासी रकम वसूली करके ली जाती थी।
मंत्री तक पहुंचा था मामला
इस शिकायती पत्र का हवाला देते हुए जैसे ही मंत्री जी ने विभाग को पत्र लिखा तो विभाग में हडकंप सा मच गया और चैनल वाइज खिसकते नीचे आए पत्र में आखिरकार मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक मंडल वाराणसी द्वारा तत्कालीन खंड विकास अधिकारी नागेंद्र सरोज को पत्र जारी किया गया था और शिकायत के क्रम में जांच आख्या उपलब्ध कराने के बारे में कहा गया। लेकिन उसी के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी ने अपना ट्रांसफर कराकर वहां से चले गए और जांच अधर में लटक गई। लेकिन जब नए खंड शिक्षा अधिकारी आए तो फिर वही सिलसिला जारी रहा और अध्यापक अपने मंसूबे को अमली जामा पहुंचाने के कार्य में जुटे रहे। अंतोगत्वा स्कूल खुलने के बाद यह काम आज भी जारी है।
गायब रहने वाले अध्यापकों की सूची कुछ इस प्रकार है..
मोहम्मद शाहनवाज प्राथमिक विद्यालय नौवादी ,अवनीश कंपोजिट विद्यालय बरबसपुर, शनि सिंह प्राथमिक विद्यालय शाहपुर, संदीप राय कंपोजिट विद्यालय शमशेरपुर, अजीत सिंह कंपोजिट विद्यालय गढ़वा, पीयूष सिंह कंपोजिट विद्यालय गढ़वा, अमित वर्मा प्राथमिक विद्यालय गोलाबाद ,राजेश यादव प्राथमिक विद्यालय अमदहा, अरुण राय कंपोजिट विद्यालय बैरगढ़ , गौरव गुप्ता कंपोजिट विद्यालय धनकुंवारीकला, प्रदीप चंचल प्राथमिक विद्यालय पड़रिया, मुंशी सिंह यादव प्राथमिक विद्यालय औरवाटाड,ओम नारायण सिंह यादव प्राथमिक विद्यालय धवथवा , वैभव साहनी प्राथमिक विद्यालय होरिला, दिलीप यादव प्राथमिक विद्यालय मैराहवा , राजकुमार विश्वकर्मा प्राथमिक विद्यालय परसहवा तथा सत्य प्रकाश यादव प्राथमिक विद्यालय वृंदावन।
कहा जा रहा है कि इसके अलावा कुछ अध्यापक ऐसे हैं, जिन के नाम सामने नहीं आए हैं, लेकिन वह भी स्कूल ना आने तथा पूरा वेतन पाने की सूची में शामिल हैं, जिनका खुलासा चंदौली समाचार जल्द ही अगली खबर में करेगा।
खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र प्रताप सहाय बोले-
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र प्रताप सहाय ने बताया कि उनके द्वारा मामले में जांच की जा रही है। ऐसे में आज 5 अध्यापकों को अनुपस्थित पाए जाने के बाद जिला स्तर से टीम गठित कर सभी की जांच कराए जाने के लिए कहा गया है। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा महीना वसूलने के बारे में पूछे जाने पर वह मामले में आनाकानी करते हुए नजर आए और कहा कि जल्द ही हम इस मामले को ठीक कर देंगे। सभी लोगों नौकरी कराना सिखा देंगे।
अब देखना है कि खंड शिक्षा अधिकारी अपनी महीने की बधी-बधाई रकम छोड़कर सही तरीके से एक्शन लेते हैं या ऐसे ही अध्यापकों को विद्यालय न आने की छूट प्रदान करते हैं। कहा जाता है कि ये साहब भी चकिया में पोस्टिंग के दौरान अपने कई कारनामों के कारण चर्चित रहे हैं।
अब देखना है कि इस मामले को नवागत बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किस प्रकार से कार्रवाई की जाती है और नौगढ़ में अपने विद्यालयों पर न जाने वाले शिक्षकों की जांच करके किस प्रकार से कार्रवाई करते हैं।