200 करोड़ की सड़क निर्माण में उपेक्षित विधायक भड़के तो विभाग को करनी पड़ी 'नौटंकी'
मुगलसराय चकिया फोरलेन सड़क का भूमि पूजन
200 करोड़ की अनुमानित लागत से बननी है सड़क
कार्यक्रम में नहीं बुलाए गए मुगलसराय विधायक
नकेल कसी तो पत्र लिखकर देनी पड़ी सफाई
चंदौली जिले में सत्तापक्ष के राजनेताओं को दरकिनार करने की आदत ठेकेदारों को महंगी पड़ सकती है। इसका नमूना बुधवार को तब दिखाई दिया है जब 200 करोड़ की अनुमानित लागत से बनने वाली मुगलसराय चकिया रोड के कार्य शुरू करने का भूमि पूजन करने की खबर सोशल मीडिया में प्रचारित होने के बाद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को पत्र लिखकर अपनी सफाई देनी पड़ी।
चर्चा में बताया जा रहा है कि 200 करोड़ की लागत से बनने वाली मुगलसराय चकिया फोरलेन सड़क के भूमिपूजन का कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी शामिल थे और इस पूरे कार्यक्रम के बारे में जानते थे। बुधवार को जब सड़क का निर्माण करने वाली एजेंसी छात्र शक्ति इंफ्रा लिमिटेड ने बाकायदा कार्यक्रम करके खबर को प्रचारित व प्रसारित कराया था।
जानकारी में यह भी बताया जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह के संरक्षण वाले इस कंपनी के कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबलि सिंह समेत भाजपा के तमाम स्थानीय लोगों ने भाग लिया। विभाग के कुछ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। लेकिन जैसे ही भारतीय जनता पार्टी के विधायक निमंत्रण ना मिलने से नाराज होते दिखे तो तत्काल अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया और इसे ठेकेदारों का निजी कार्यक्रम करार दिया।
मामले में बताया जा रहा है कि मुगलसराय के विधायक रमेश जायसवाल ने जिलाधिकारी से अपनी नाराजगी जाहिर की है और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा पर जमकर क्लास लगाई है, जिसके बाद यह पूरा नाटक रचना पड़ा है। इसमें लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार के द्वारा अपनी ओर से एक पत्र लिखा और जिलाधिकारी को इस बात की जानकारी दी कि यह ठेकेदारों का निजी कार्यक्रम था, जिसमें भूमि पूजन का कार्यक्रम किया गया है। इस कार्यक्रम का लोक निर्माण विभाग से कोई लेना-देना नहीं था। जब इसका शिलान्यास और कार्यक्रम शुरू करने का कार्य किया जाएगा तो जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी दी जाएगी।
अब इस तरह की नौटंकी से यह बात सिद्ध हो गई है कि चंदौली जिले में नेताओं के बीच आपसी खींचतान का सिलसिला जारी है। 200 करोड़ की लागत से सड़क के निर्माण कराए जाने का श्रेय एक तो वैसे ही भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और मोदी सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ले रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसके लिए योगी जी और तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद का आभार जता रहे हैं, लेकिन अपने विधानसभा क्षेत्र से गुजरने वाले इस सड़क में अपने सहभागिता न सुनिश्चित करवा पाने की वजह से विधायक रमेश जायसवाल भड़क गए हैं। उनको ऐसा लगने लगा है कि जिले के कुछ राजनेता उनको दरकिनार करने की कोशिश कर रहे हैं और ठेकेदारों से मिलकर अपना भौकाल टाइट कर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने जिलाधिकारी और तमाम अधिकारियों की नकेल कसने की कोशिश की जिसके चलते आनन फानन में इस तरह का पत्र जारी करके सफाई देनी पड़ी।