डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय को टक्कर देने के लिए खोजे गए दलबदलू वीरेन्द्र सिंह, चंदौली के नेता दरकिनार
 

 समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल द्वारा जारी की गई 10 उम्मीदवारों की सूची में चंदौली संसदीय सीट से वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है।
 

सपा ने जताया वीरेन्द्र सिंह पर भरोसा

चिरईगांव से रह चुके हैं 2 बार विधायक

चंदौली लोकसभा में ही आती है चिरईगांव विधानसभा

जानिए कब-कब पाला बदल चुके हैं वीरेन्द्र सिंह

चंदौली संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले अपने उम्मीदवार की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी है कि 2024 लोकसभा चुनाव में चंदौली जिले के किसी नेता को उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। सपा ने एक बार फिर से जिले के स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर वाराणसी जिले की चिरईगांव विधानसभा सीट के पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बना दिया है।

 चंदौली संसदीय सीट से पूर्व सांसद रामकिशुन यादव और समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह डब्लू के द्वारा दावेदारी की जा रही थी, लेकिन पार्टी ने सभी की दावेदारी को दरकिनार करते हुए वाराणसी जिले के कद्दावर नेता और कई राजनीतिक दलों में अपनी राजनीतिक पारी खेल करके एकबार फिर से समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वाले वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बना दिया है।

 समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल द्वारा जारी की गई 10 उम्मीदवारों की सूची में चंदौली संसदीय सीट से वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है।

 आपको बता दें कि वीरेंद्र सिंह ने चिरईगांव विधानसभा सीट से 1996 में अपना राजनीतिक कैरियर शुरू किया था और कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद पार्टी में विभाजन होने पर लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी के नाम से बने दल में शामिल हो गए थे।  उन्होंने कई साल तक अपनी स्वतंत्र राजनीति की, लेकिन 2003 में चिरईगांव विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की और दोबारा विधानसभा में पहुंचे।

 बहुजन समाज पार्टी के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता हासिल कर ली और कई सालों तक वह सपा के सदस्य रहे, लेकिन दिग्विजय सिंह के प्रयासों से 2012 में एक बार फिर उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात कराके इनको कांग्रेस पार्टी में वापसी का रास्ता बनाया था। लेकिन 2012 चुनाव के बाद उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी छोड़ दिया और उन्होंने 2017 में फिर से बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया।

 वह कुछ दिनों तक पार्टी में रहने के बाद एक बार फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। काफी दिनों तक पार्टी की सेवा को देखते हुए नगर निकाय चुनाव के पहले पार्टी के आलाकमान ने वीरेंद्र सिंह को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया था। इसके साथ ही साथ उन्होंने वाराणसी नगर निगम के चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए काफी मशक्कत की थी।

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 चंदौली जिले की संसदीय सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार डॉ महेंद्र पांडेय के खिलाफ माना जा रहा है कि क्षत्रिय कैंडिडेट के रूप में वीरेंद्र सिंह एक मजबूत उम्मीदवार साबित होंगे। उनका विधानसभा क्षेत्र भी अब चंदौली लोकसभा का अंग है। समाजवादी पार्टी ने यादव, क्षत्रिय वोटों के साथ साथ पीडीए के जरिए मुसलमानों और दलितों को साधने की कोशिश की है। ऐसा माना जा रहा है कि अबकी बार चंदौली लोकसभा सीट सपा भाजपा से छीनना चाहती है।