जब अपना गांव नहीं जिता सकते तो किस बात के नेता, पूर्व जिलाध्यक्षों पर भी सवाल
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी की हार का विश्लेषण जारी
डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय की हार का कारण कई पदाधिकारी भी
अपने गांव को छोड़कर दूसरी जगह मांगते रहे वोट
अपने गांव में भी नहीं दिखायी अपनी दिलचस्पी
चंदौली जिले में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय की हार को लेकर तरह-तरह के विश्लेषण किया जा रहे हैं और मीडिया में की गई इस भविष्यवाणी को सही साबित कर दिया है। दूसरी जगह प्रचार करने वाले कई नेताओं के इलाकों में बुरी तरह से भाजपा की हार हुयी है। इन दिग्गज नेताओं के बूथों पर हार मिलने को लेकर भी कई तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।
कहा जा रहा है कि दिन-रात उनके साथ रहने वाले लोग अपने गांव में वोट नहीं दिला पाए। भाजपा के कई पूर्व जिला अध्यक्षों के भी गांव में भारतीय जनता पार्टी अपनी कोई करामात नहीं दिखा पायी। उनके गांवों के बूथों पर भारतीय जनता पार्टी बुरी तरह से हार गयी है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय की हार के कई मायने निकाले जा रहे हैं। दो जिले में राज्य सभा सांसद, तीन विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, आधा दर्जन ब्लाक प्रमुख, एक एमएलसी होने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा। यही नहीं, डॉ. महेंद्रनाथ के पीए और बेहद करीबी दो पूर्व जिलाध्यक्ष भी अपने बूथों पर बढ़त नहीं दिला सके।
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सकलडीहा विधान सभा के बहबलपुर में दो बूथों पर सपा के बीरेंद्र सिंह को 571 और महेंद्र पांडेय को 536 वोट मिले। केंद्रीय मंत्री के पीए मृत्युंजय उपाध्याय इसी गांव के निवासी हैं और पिछले एक दशक से उनसे जुड़े हुए हैं। वहीं, दो बार जिलाध्यक्ष रह चुके सर्वेश कुशवाहा को पूर्व केंद्रीय मंत्री का बेहद करीबी माना जाता है। चुनाव संचालन की जिम्मेदारी भी उनके पास थी, लेकिन सकलडीहा विधान सभा में इनके बूथ नंबर 41 से बीजेपी को महज 163 जबकि सपा को 401 वोट मिले।
इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री के करीबी और पूर्व जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह के गांव बिसौरी के सभी बूथों पर भाजपा पिछड़ गई। एक बूथ पर तो बसपा प्रत्याशी से भी कम वोट मिले। बिसौरी गांव के चार बूथों पर सपा के बीरेंद्र सिंह सिंह को 1125 मत मिले जबकि डॉ. महेंद्रनाथ को सिर्फ 655 वोट मिले।
भाजपा के एक और पूर्व जिलाध्यक्ष अनिल सिंह के गांव सर्फुद्दीनपुर में भी पहले की ही तरह यही हाल रहा। यहां से सपा को 347 और भाजपा को 137 मत मिले हैं।