सुशील सिंह चूके लेकिन डॉ. विनोद बिंद मार ले गए बाजी, जीते तो बनेंगे जिले के तीसरे सांसद
​​​​​​​

चंदौली जिले की रहने वाली दर्शना सिंह और साधना सिंह को राज्यसभा में भेजने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जिले के एक और राजनेता को लोकसभा में भेजने की तैयारी की है और उनको भदोही जिले की संसदीय सीट से टिकट देकर सीट जीतने का भरोसा जताया है।
 

दर्शना सिंह और साधना सिंह को मिला राज्यसभा में मौका

अब लोकसभा सांसद बनेंगे डॉक्टर विनोद कुमार बिंद

अभी मिर्जापुर की मझवां सीट से विधायक हैं डॉक्टर विनोद कुमार बिंद

चंदौली जिले की रहने वाली दर्शना सिंह और साधना सिंह को राज्यसभा में भेजने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जिले के एक और राजनेता को लोकसभा में भेजने की तैयारी की है और उनको भदोही जिले की संसदीय सीट से टिकट देकर सीट जीतने का भरोसा जताया है। भले ही भाजपा ने विधायक सुशील सिंह को गाजीपुर से चुनाव लड़ने का मौका ना दिया हो, लेकिन डॉक्टर विनोद कुमार बिंद को  भदोही से टिकट देकर चंदौली जनपद के रहने वाले एक और राजनेता पर दांव खेला है। अगर विनोद बिंद जीतते हैं चंदौली जिले के संसद में 3 सांसद हो जाएंगे।

चंदौली जिले के मूल निवासी और निषाद पार्टी के टिकट पर मिर्जापुर की मझवां सीट से विधायक डॉक्टर विनोद कुमार बिंद को भारतीय जनता पार्टी ने भदोही सीट से लोकसभा का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। ऐसा करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद रमेश बिंद का टिकट काटकर डॉक्टर विनोद कुमार बिंद को लोकसभा में पहुंचने का मौका दिया है।

 आपको बता दें कि डॉक्टर विनोद कुमार बिंद चंदौली जिले के कवई पहाड़पुर गांव के मूल निवासी हैं। एक सामान्य परिवार में जन्मे और तमाम तरह की आर्थिक विषमताओं के बीच पढ़ाई लिखाई करके उन्होंने अपने प्रतिभा का लोहा बनवाया। साथ ही गोल्ड मेडल प्राप्त करते हुए ऑर्थोपेडिक सर्जन के रूप में अपनी एक बड़ी पहचान बनायी। 

वह चिकित्सा सेवा के रूप में गरीबों की सेवा करने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं। डॉ विनोद कुमार बिंद ने गरीब बच्चियों के सामूहिक शादी का बीड़ा उठा रखा है। पिछले 10 सालों में करीब 1000 से अधिक बेटियों की शादी कराई है। उभरती हुई सामाजिक छवि से प्रभावित होकर पहले अखिलेश यादव ने उन्हें समाजवादी पार्टी ज्वाइन कराया था और प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल करके उनको राजनीति करने का मौका दिया था, लेकिन मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर उन्होंने समाजवादी पार्टी को छोड़कर निषाद पार्टी ज्वाइन कर ली थी और एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर वह विधानसभा में पहुंच गए थे।

 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश की 80 सीट जीतने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसमें हर एक सीट पर मजबूत और दिग्गज उम्मीदवारों को खोज कर चुनाव लड़ाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोकसभा सीटें जीती जा सकें। इसी क्रम में चंदौली जनपद के रहने वाले एक और राजनेता पर भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान ने विश्वास जताया है।

 आपको बता दें कि डॉ विनोद कुमार बिंद मिर्जापुर के साथ-साथ भदोही जिले में भी खास तौर पर सक्रिय दिखाई देते हैं। उनकी इसी पहचान की वजह से उन्हें भाजपा का टिकट मिला है। वह पूर्वांचल में बिंद बिरादरी के एक बुद्धिजीवी और बड़े नेता के रूप में अपने आप को स्थापित करने की कोशिश की है। इसी का परिणाम है कि जिस नेता को सपा ने विधायक का टिकट देने के काबिल नहीं समझा, उसे एनडीए ने पहले विधायक बनाया और अब भाजपा उसको लोकसभा का टिकट देकर संसद में भेजने की तैयारी कर रही है।