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2004 का इतिहास दोहराने की सोच, क्या कैलाशनाथ यादव का करिश्मा दोहरा पाएंगे सत्येंद्र..!

चंदौली लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने सत्येंद्र मौर्य को टिकट देकर चंदौली लोकसभा सीट को जीतने का जिम्मा सौंपा है। 2004 में जिस पिछड़ा-दलित-मुस्लिम वोटरों के समर्थन से पूर्व सांसद कैलाश नाथ सिंह यादव ने बसपा के लिए यह सीट जीती थी।
 

चंदौली में ओबीसी मतदाताओं को साधने का प्रयास

2004 में केवल 1 बार जीत पायी है बसपा

2024 की सियासी लड़ाई तेज

लोकसभा चुनाव को त्रिकोणीय बनाने में जुटी बसपा

चंदौली जिले की चंदौली लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने सत्येंद्र मौर्य को टिकट देकर चंदौली लोकसभा सीट को जीतने का जिम्मा सौंपा है। 2004 में जिस पिछड़ा-दलित-मुस्लिम वोटरों के समर्थन से पूर्व सांसद कैलाश नाथ सिंह यादव ने बसपा के लिए यह सीट जीती थी। उसी फार्मूले पर एक बार फिर से बसपा सुप्रीमों जीत जीतने का जुगाड़ लगा रही हैं।

Chandauli Lok Sabha

कहा जा रहा है कि बसपा ने पिछड़ा वर्ग का प्रत्याशी घोषित करके यहां के मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है, क्योंकि पिछले 4 चुनावों में बसपा ने ही सपा-भाजपा या अन्य दलों के प्रत्याशी को टक्कर दी है। पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे सत्येंद्र मौर्य के सहारे बसपा ने अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मतदाताओं को साधने की कोशिश करेगी और दलित वोटरों को जोड़कर भाजपा और सपा का खेल बिगाड़ने की कोशिश करेगी।

Chandauli Lok Sabha
आपको बता दें कि चंदौली लोकसभा क्षेत्र में 18 लाख 26 हजार 437 मतदाता हैं। पिछले दो बार से डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय चंदौली से सांसद हैं। वहीं समाजवादी पार्टी ने वीरेंद्र सिंह को चंदौली से प्रत्याशी बनाया है। अब बसपा ने सत्येंद्र कुमार मौर्य को प्रत्याशी घोषित कर मुकाबले को त्रिकोणीय और रोचक बना दिया है।

Chandauli Lok Sabha

बताते चलें कि भाजपा ने पहले ही केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट से वह लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने पहली बार 2014  में बसपा के प्रत्याशी अनिल मौर्या को हराया था, जबकि दूसरी बार 2019 में भी बसपा और सपा के संयुक्त उम्मीदवार संजय चौहान को कड़ी टक्कर में हरा दिया था।

 

 

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