टिकट कटने के बाद क्या करेंगे रामकिशुन, चंदौली समाचार की दिल खोलकर बात
अब क्या करेंगे रामकिशुन यादव
जिले में गर्म है चर्चाओं का बाजार
अफवाहों पर ऐसा बोल गए रामकिशुन यादव
चंदौली समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाने वाले रामकिशुन यादव फिलहाल अपने दम पर अकेले पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं के साथ छोटे-छोटे कार्यक्रम आयोजित करके जनसंपर्क कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के घोषित प्रत्याशी वीरेंद्रनाथ सिंह सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव और सत्यनारायण राजभर के साथ कार्यक्रम आयोजित करके अपने चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।
रामकिशुन यादव को लेकर चंदौली जिले की राजनीति में तरह-तरह के प्रयास लगाए जा रहे हैं। कोई उन्हें नाराज बता रहा है तो कोई उनकी पार्टी छोड़ने की संभावनाओं पर चर्चा कर रहा है, लेकिन चंदौली समाचार सारी चर्चाओं को विराम देने के लिए सीधे रामकिशुन यादव से बातचीत की, जिस पर रामकिशुन यादव ने बेबाकी से सवालों का जवाब दिया।
रामकिशुन यादव ने कहा कि हम लोग खानदानी समाजवादी नेता हैं और दो पीढ़ियों से समाजवादी पार्टी की सेवा कर रहे हैं और अगली पीढ़ी भी समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ी है। ऐसे में सपा को छोड़ना या किसी और दल से चुनाव लड़ने की बात सोचना भी गुनाह है। वह समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में ही राजनीति करना चाहते हैं। अगर उनके बारे में कोई अफवाह फैला रहा है तो वह समाजवादी पार्टी का शुभचिंतक नहीं है।
ठोंक दूंगा मुकदमा
रामकिशुन यादव ने यह भी कहा कि अगर इस तरह की खबरें मीडिया में जबरन छापी जाएंगी तो वह उनके खिलाफ मानहानि भी मुकदमे को ठोकने से नहीं कतराएंगे, क्योंकि सिर्फ अफवाहों के दम पर किसी भी पत्रकार को बेवजह इस तरह की खबरें नहीं चपनी चाहिए। मीडिया का काम अफवाहों को पुष्ट करके ही छापना है। मनमानी व झूठी खबरों से मीडिया की छवि धूमिल होती है।
स्थानीय जनभावना को समझने की जरूरत
टिकट न मिलने और किसी और को उम्मीदवार चुने जाने पर पार्टी से नाराजगी के सवाल पर रामकिशुन यादव ने कहा कि चुनाव में कई दावेदार होते हैं और पार्टी किसी एक को ही टिकट देती है। ऐसे में बाकी दावेदारों को थोड़ी बहुत निराशा जरूर होती है, लेकिन सबको पार्टी का निर्णय मानना चाहिए। मैं भी पार्टी के निर्णय को स्वीकार कर रहा हूं, लेकिन पार्टी को भी स्थानीय आकांक्षाओं और लोगों की जन भावना का ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो कभी-कभी इससे पार्टी को बड़ा नुकसान होता है।
आपने देखा होगा कि कई बार स्थानीय कार्यकर्ता बाहरी उम्मीदवारों को बचा नहीं पाते हैं। पार्टी के बड़े नेता भले ही पार्टी के सम्मान में कैंडिडेट को शिकार कर लें, लेकिन जमीनी स्तर के कार्यकर्ता ऐसे उम्मीदवारों से परहेज करते हैं। ऐसी स्थिति में या तो वह मतदान नहीं करते या फिर किसी और दल के उम्मीदवारों को समर्थन देते हैं।
रामकिशुन यादव ने कहा कि टिकट मिलने के बाद उन्होंने लखनऊ जाकर पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के समक्ष अपनी बात रखी थी और जनभावना का सम्मान करने की बात थी। इसके बावजूद भी पार्टी के फैसले का वह अपने स्तर से सम्मान करते हैं।
लोगों की भावना का करता हूं सम्मान
जनपद के तमाम समुदायों और पुराने समाजवादियों द्वारा टिकट बदलने और रामकिशुन यादव को टिकट दिए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि यह लोगों की भावना है। मैं उसका भी सम्मान करता हूं। उन लोगों का मेरे प्रति लगाव है, क्योंकि मैंने राजनीति में लगभग 3 दशक दिए हैं। शायद इसी वजह से वह इस तरह की मांग उठा रहे हैं। फिर भी मैं उनको समझने की कोशिश करता हूं। साथ ही यह बता रहा हूं कि यह समय आपस में विवाद करने का नहीं, बल्कि मिलकर भारतीय जनता पार्टी की सांप्रदायिक नीति और संविधान विरोधी गतिविधियों का मुकाबला करने का है, जिसके लिए हम सभी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को कमर कस के तैयार रहना होगा।
वीरेंद्र सिंह के प्रचार में सहयोग
वीरेंद्र सिंह के प्रचार में शामिल होने या उनके साथ प्रचार करने के सवाल पर उन्होंने साफ-साफ कहा कि अगर पार्टी के प्रत्याशी को उनकी जरूरत होगी और वह उनसे सहयोग मांगेंगे तो वह अपनी क्षमता के अनुरूप यथा संभव सहयोग देने की कोशिश करेंगे।