हेमंत कुशवाहा कर रहे हैं बसपा से दावेदारी, चंदौली जिले का लोकसभा से हो सकते हैं प्रत्याशी
बसपा सूत्रों के हवाले से मिल रही है जानकारी
15 मार्च को दिया गया था इस बात का संकेत
लड़ चुके हैं 1996 में बसपा से लोकसभा का चुनाव
18वीं लोकसभा का बिल्कुल बज चुका है और चंदौली संसदीय लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है। भाजपा ने डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय को हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतारा है, तो वहीं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस व सपा के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में वीरेन्द्र नाथ सिंह मैदान में आ गए हैं, लेकिन अब सब की नजर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार पर है, जिसको लेकर जिले में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।
कुछ लोगों का मानना है कि बहुजन समाज पार्टी अपने एक पुराने कार्यकर्ता पर दाव खेल सकती है। ऐसे में हेमंत कुशवाहा बहुजन समाज पार्टी के पुराने और वफादार कार्यकर्ताओं में गिने जाते हैं। वह मूल रूप से वाराणसी जिले के रहने वाले हैं और 1996 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चंदौली संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।
राजनीतिक सूत्रों से पता चला है कि बहुजन समाज पार्टी ने चंदौली में हेमंत कुशवाहा को लोकसभा का टिकट देने का फैसला किया है, जिसकी घोषणा कुछ ही दिनों में हो सकती है। इस बात की चर्चा को इसलिए बल मिल रहा है कि हाल में ही हुए 15 मार्च को कांशीरामजी के जन्म दिवस पर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में उनको देखा गया था। वह पार्टी की ओर से विशेष तौर पर भेजे गए थे।
आपको बता दें 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का टिकट पर जब आनंद रत्न मौर्य दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे तो उनके मुकाबले बहुजन समाज पार्टी ने हेमंत कुशवाहा को उतारा था। हालांकि इस चुनाव में हेमंत कुशवाहा आनंद रत्न मौर्या और कैलाश नाथ यादव के बाद तीसरे स्थान पर रहे। 1996 के लोकसभा चुनाव में आनंद रत्न मौर्य को 1,89, 179 वोट मिले थे, जबकि समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कैलाश नाथ यादव को 1,58,028 वोटो से संतोष करना पड़ा था। वहीं बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार हेमंत कुशवाहा भी एक लाख से अधिक वोट पाने में सफल रहे। उन्हें कुल 1 लाख 27 हजार 705 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार राजेश प्रति त्रिपाठी चौथे स्थान पर खिसक गए थे।
इसी रिकॉर्ड को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी इनको मैदान में उतारने की सोच रही है। अगर कोई और तगड़ा दावेदार मैदान में न आया तो हेमंत कुशवाहा पिछड़ी जाति के मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं।