आचार संहिता के बाद इन कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध, 20 बातों का ध्यान रखें आप लोग
चंदौली के लोग रखें इन बातों का ध्यान
राजनेताओं से भी है अपील
आदर्श आचार संहिता का पालन सबके लिए अनिवार्य
नई दिल्ली में भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है, जिसका पालन सबके लिए अनिवार्य है। इसमें कई बातों का ध्यान रखना है। निर्वाचन के समय मे कोई भी सरकारी कर्मचारी पॉलिटिकल एक्टिविटी में शामिल नहीं हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो इसे भी अचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्रियों द्वारा ऑफिशियल वाहनों का प्रयोग राजनैतिक कार्यों के लिए रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही सबको इन बातों का ध्यान रखना होगा....
- 50 हजार रुपए से ज्यादा का कैश लेकर नहीं चल सकेंगे।
- नेताओं को अपनी गाड़ियों से पार्टियों के झंडे हटाने होंगे ।
- राजनैतिक दलों के पदाधिकारी RO से अनुमति लेकर गाड़ी में झंडे का प्रयोग कर सकेंगे।
- लाउडस्पीकर का प्रयोग करने की अनुमति सुबह 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक ही दी जाएगी।
अब कोई सरकारी वाहन राजनीतिक कार्यों में प्रयोग नहीं किया जाएगा।
ऑफिशियल कार्यों को कैम्पेनिंग के कार्यों में मिक्स नहीं किया जाएगा।
किसी भी प्रकार का प्रलोभन पर रोक लगी है। वोटरों को आर्थिक अथवा कोई और प्रलोभन देकर वोट नहीं मांगना है।
निर्वाचक के द्वारा किसी भी प्रकार की जातीय और साम्प्रदायिक अपील नहीं की जाएगी।
दूसरी पार्टियों व उनके कार्यकर्ताओं के द्वारा असत्यापित आरोपों के आधार पर आलोचना नहीं की जाएगी।
- किसी भी धार्मिक स्थल का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं होगा और वहां भाषणों, पोस्टरों, बैनरों को लगाने की मनाही है।
- ऐसे किसी भी जगह पर रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी, जहां पर पहले से किसी पार्टी की बैठक चल रही हो।
- बूथों और पोलिंग स्टेशनों के आस पास किसी भी प्रकार के झंडे, पोस्टर, चिन्हों या प्रचार सामग्री का प्रयोग करना निषेध है।
- सरकारी परिसर में किसी भी प्रकार की वॉल पेंटिंग, बैनर, पोस्टर, होर्डिंग व झंडे की अनुमति नहीं होगी।
- सरकारी गेस्ट हाउसों में किसी भी प्रकार की पॉलिटिकल एक्टिविटी की अनुमति नहीं होगी।
पोलिंग स्टेशनों के 100 मीटर दायरे के अंदर किसी भी प्रकार की चुनावी मीटिंग या कन्वेंसिंग नहीं होगी।
किसी तरह की अफवाह न फैलाएं, जिससे मतदान प्रभावित हो।
किसी दूसरे राजनीतिक दल के कार्यक्रम या प्रचार में व्यवधान न डालें।
चुनाव सामग्रियों पर मुद्रक व प्रकाशक का नाम जरूर लिखें।
आचार संहिता के अन्य निर्देशों का पालन करें।
पुलिस व प्रशासन का सहयोग करें।
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