विदेश से MBBS करने वालों को रखना होगा इस बात का ध्यान, ये सुप्रीम कोर्ट का फरमान

अगर आप अपने बच्चे को विदेश से दिलाना चाहते हैं MBBS की डिग्री
जरूर जान लीजिए सु्प्रीम कोर्ट का ताजा फैसला
एडमिशन लेने वालों के लिए इस नियम को माना अनिवार्य
सुप्रीम कोर्ट ने MCI के नियम को सही माना
विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने की चाहत रखने वाले भारतीय छात्रों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। छात्रों को विदेश में एमबीबीएस करने से पहले नीट-यूजी की परीक्षा पास करनी होगी। इसके बाद ही छात्र विदेश में दाखिला ले सकेंगे। ऐसा न करने वालों को बड़ा झटका लग सकता है।

बताया जा रहा है कि अदालत ने विदेश में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के नियम को बरकरार रखा है। विदेश में मेडिकल की पढ़ाई के लिए नीट-यूजी की अनिवार्यता को चुनौती दी गई थी। बड़ी संख्या में भारतीय छात्र विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। साल 2018 में एमसीआई ने भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 के नियमों में बदलाव करते हुए अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के लिए नीट क्वालिफाई करना अनिवार्य कर दिया था।
इस नियम का उद्देश्य भारत में मेडिकल प्रैक्टिस कर रहे छात्रों के लिए आवश्यक चिकित्सीय मानकों को पूरा करना था। एमसीआई के इस नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने एमसीआई के इस नियम को निष्पक्ष और पारदर्शी बताया।
आपको बता दें कि पैसे के बल पर केवल डिग्री हासिल करने के लिए विदेश जाने वालों को इस आदेश से झटका लगेगा, क्योंकि वे ऐसी प्रक्रिया का विरोध कर रहे थे। देश की सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान भारतीय चिकित्सा परिषद की प्रक्रिया को सही ठहराया और इसे अनिवार्य करने की बात पर मुहर लगा दी है।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*