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मुगलसराय मीट कारोबारियों में हड़कंप, प्रशासन ने दी FIR कर कार्रवाई की चेतावनी

चंदौली जिले में तहसील प्रशासन ने मंगलवार की सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब आधा दर्जन अवैध मीट की दुकानों को तुरंत प्रभाव से सीज कर दिया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि बिना वैध लाइसेंस के दुकान चलाने वालों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिससे कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
 

अवैध मीट दुकानों पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई


 करीब आधा दर्जन दुकानों को सीज करने से हड़कंप

 
 बिना अनुमति व्यवसाय पर तुरंत होगी FIR व कार्रवाई


वैध लाइसेंस के बाद ही दुकान चलाने को मिलेगी मंजूरी  

चंदौली जिले के मुगलसराय क्षेत्र में प्रशासन ने अवैध रूप से संचालित हो रहीं चिकन और मटन की दुकानों पर मंगलवार की सुबह बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन के अचानक निरीक्षण के कारण कस्बे के मीट कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। इस कार्रवाई में करीब आधा दर्जन दुकानों को अवैध पाया गया, जिसके बाद उन्हें तुरंत प्रभाव से बंद कराकर सीज कर दिया गया।

प्रशासनिक टीम ने किया अचानक निरीक्षण
यह कार्रवाई मुगलसराय के एसडीएम अनुपम मिश्र, सीओ, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजीव मोहन सक्सेना और पुलिस बल की मौजूदगी में पूरी की गई। अधिकारियों ने अचानक निरीक्षण पर निकलकर उन दुकानों की जांच की जो बिना किसी वैध लाइसेंस या अनुमति के चल रही थीं। जांच के दौरान, अधिकारियों ने पाया कि कई दुकानदार बिना कानूनी अनुमति के व्यवसाय कर रहे थे। अवैध पाए जाने पर, इन दुकानों को तुरंत बंद करने का आदेश दिया गया और उन्हें सीज कर दिया गया। यह सख्त कदम अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

कार्यवाही के दौरान हैदरी अली मीट शाप, मोहम्मद इमरान मीट शाप, इरफ़ान पोल्ट्री, इमरान चिकन शाप, आरिफ चिकन शॉप व फ्रेश चिकन शॉप आदि दुकानों का गहन निरीक्षण किया गया | सभी मीट शॉप बिना लाइसेंस संचालित पायी गयी, जिन्हें तत्काल प्रभाव से बंद कराया गया | यदि बिना लाइसेंस के मीट, मुर्गा, मछली की दुकाने अवैध रूप से संचालित पायी गयी तो अधिकतम जुर्माना 02 लाख रूपये तक हो सकता है | आगे भी निरन्तर कार्यवाही जारी रहेगी |

तहसील प्रशासन की सख्त चेतावनी
प्रशासन ने इस कार्रवाई के दौरान दुकानदारों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में बिना वैध लाइसेंस या अनुमति के क्षेत्र में कोई भी दुकान संचालित नहीं होगी। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि जिनके पास वैध लाइसेंस हैं, उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे अपना व्यवसाय जारी रख सकते हैं। हालांकि, प्रशासन ने अवैध रूप से व्यवसाय करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का संकेत दिया है। अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा कि बिना अनुमति व्यवसाय करते पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

हड़कंप और अभियान जारी रखने का संकेत
प्रशासन की इस अचानक और बड़ी कार्रवाई से स्थानीय मीट कारोबारियों में भारी हड़कंप मच गया है। यह कार्रवाई संदेश देती है कि प्रशासन अवैध रूप से चल रहे कारोबारों को लेकर गंभीर है और नियमों का सख्ती से पालन कराएगा। प्रशासन ने संकेत दिया है कि अवैध दुकानों की जांच और उन्हें सीज करने का यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा। 

मांस, मछली एवं मुर्गे की दुकानों के लाइसेंस जारी किये जाने हेतु सम्बन्धित मीट कारोबारी को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत निम्नलिखित शर्तो का पालन किया जाना आवश्यक है----

  •  मन्दिर/पूजा स्थल से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर होनी चाहिये।
  •  विद्यालयों से भी लगभग 50 मीटर की दूरी होनी चाहिये।* दुकानों में गहरे रंग के पर्दे या गहरे रंग के शीशे होने चाहिये।
  •  मांस कारोबारी के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र होने चाहिये।
  •  शहरी क्षेत्र में नगर पालिका, नगर पंचायत द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध होना आवश्यक है।
  •  इसके लिए नजदीकी पुलिस थाने द्वारा भी NOC होनी चाहिए।
  •  कोई भी कारोबारी अपनी दुकान पर मांस का कटान नहीं करेगा।
  •  जनपद में स्लाटर हाउस न होने की दशा में अन्य नजदीकी जनपद से मांस का कटान कराते हुये डीप फ्रीजर में मांस का परिवहन कर अपनी दूकान पर लाया जाना चाहिए। समस्त धारदार हथियार स्टील के होने चाहिए।
  •  कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
  •  स्लाटर हाउस से लाये जाने वाले मांस का पूरा हिसाब किताब होना चाहिए

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