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चंदौली में तेज़ी से गिरने वाला है पारा, हार्ट के मरीज़ों को अत्यधिक सतर्क रहने की दी जा रही सलाह

चंदौली जिले में दिसंबर की शुरुआत से ही पारा तेज़ी से गिर रहा है, एक सप्ताह में अधिकतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो गया है। पछुआ हवा के कारण ठंडक और गलन बढ़ गई है। इस बीच, डॉक्टरों ने बीपी, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह के मरीजों को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी है, क्योंकि सर्दी में हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन ने ज़रूरतमंदों के लिए 14 रैन बसेरा और अलाव की व्यवस्था शुरू कर दी है।
 
चंदौली में धीरे-धीरे ठंड ने पकड़ी रफ़्तार
11 किमी/घंटा की पछुआ हवा चलने से बदला मौसम
चंदौली में बढ़ने लगी है गांव में गलन
ध्यान में रखिए डॉक्टर्स की चेतावनी
प्रशासन ने रैन बसेरा और अलाव की व्यवस्था करने का किया दावा

चंदौली जिले में दिसंबर माह की शुरुआत होते ही मौसम ने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले एक सप्ताह के भीतर अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है, जिससे जिले में गलन और ठंडक में जबरदस्त इज़ाफ़ा हुआ है। नवंबर के अंतिम दिनों तक अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, जो अब घटकर 25 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है, जबकि न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से लुढ़ककर 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, और कई बार रात में यह 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जा रहा है। 11 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली ठंडी पछुआ हवा ने इस ठंड को और भी ज़्यादा सिहराने वाला बना दिया है।

हर दूसरे दिन गिर रहा पारा, बढ़ी ऊनी कपड़ों की मांग
मौसम की स्थिति में हर दूसरे दिन गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे सर्दी अब तेजी से जोर पकड़ रही है। दिन ढलने के बाद से लेकर अगले दिन सुबह करीब आठ बजे तक कड़ाके की ठंड पड़ रही है, हालांकि उसके बाद धूप निकलने से दिन में थोड़ी राहत ज़रूर मिलती है। बावजूद इसके, सुबह और शाम की सर्दी अब लोगों को सिहराने लगी है।

ठंड बढ़ने का सीधा असर स्थानीय बाजारों पर दिखाई दे रहा है। ऊनी कपड़ों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ बढ़ गई है। बच्चे स्वेटर, जैकेट, मोजा और दस्ताने की मांग कर रहे हैं, जबकि वयस्क अपनी जरूरत के हिसाब से गर्म कपड़े खरीद रहे हैं। मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार ने जानकारी दी है कि आने वाले दिनों में पछुआ हवा का असर और बढ़ेगा, जिसके चलते तापमान में और अधिक गिरावट आएगी। उन्होंने यह भी संभावना जताई कि दिसंबर के दूसरे पखवाड़े से जिले में घना कोहरा भी अपना असर दिखाना शुरू कर सकता है।

हृदयाघात का बढ़ सकता है ख़तरा
ठंड के इस बढ़ते प्रकोप के साथ ही जिले में बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे लोग लगातार इनकी चपेट में आ रहे हैं। चिकित्सकों ने विशेष रूप से बीपी (ब्लड प्रेशर), कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह (डायबिटीज़) के मरीजों को अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी है। मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels) सिकुड़ जाती हैं, जिससे इन मरीजों में हृदयाघात (Heart Attack) का खतरा काफी बढ़ जाता है।

मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन इस तरह की समस्याओं से ग्रस्त 50 से 60 मरीज इलाज के लिए पहुँच रहे हैं। मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. विवेकानंद तिवारी ने विशेष रूप से चेतावनी दी है।

डॉक्टरों की सलाह और लक्षण

डॉ. तिवारी ने बताया कि रात को सोते समय यदि सीने में दर्द या भारीपन महसूस हो तो इसे किसी भी हालत में लापरवाही समझकर गैस या सामान्य दर्द मानकर नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। सीने में दर्द के साथ-साथ घबराहट, बेचैनी, अत्यधिक पसीना आना, दिल की धड़कन का अनियमित होना या कमजोरी महसूस होना जैसे लक्षण दिखें तो बिना देर किए तत्काल अस्पताल पहुंचकर चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए और जांच करानी चाहिए। उन्होंने मरीजों को नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहने और दवाओं का नियमित सेवन करने की सलाह दी है। साथ ही, ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने और घर के अंदर ही संतुलित व्यायाम करने की सलाह दी है। खान-पान में सावधानी बरतने और अत्यधिक ठंड से बचाव को प्राथमिकता देने पर ज़ोर दिया गया है।

प्रशासन ने की अलाव और रैन बसेरा की व्यवस्था
बढ़ती ठंड को देखते हुए स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। नगर क्षेत्र और ब्लॉकों में कुल 14 रैन बसेरा खोले गए हैं, जिनमें निकाय क्षेत्रों में पाँच और हर ब्लॉक में एक-एक रैन बसेरा शामिल है, ताकि ज़रूरतमंदों को ठंड से बचाया जा सके।

राहत कार्यों का विवरण

1-कंबल वितरण करने की तैयारी : जरूरतमंदों में कंबल के वितरण के लिए तहसीलवार आवंटन किया गया है और प्रमुखता से यह कार्य कराया जा रहा है।
2- अलाव व्यवस्था का भी प्लान : ठंड से बचाव के लिए गांवों के तिराहे-चौराहे पर अलाव की व्यवस्था की जा रही है। इसकी जिम्मेदारी राजस्व कर्मियों को सौंपी गई है।
3- अस्पतालों में उपचार के प्रबंध: अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अस्पताल प्रशासन की ओर से भर्ती मरीजों के लिए अतिरिक्त कंबल, हीटर और अलाव का प्रबंध सुनिश्चित किया गया है ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।

नगर में कई स्थानों पर लोग अलाव का सहारा लेते हुए दिखाई दिए, जो इस बात का संकेत है कि ठंड अब अपने चरम पर है और लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करने लगी है। पुलिस और प्रशासन दोनों ही इस मौसम में लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए समन्वय से काम कर रहे हैं।

 

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